म्यांमार सरकार द्वारा म्यांमार में रोहिंग्या संकट की रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को गंभीर सजा सुनाये जाने के मामले को लेकर ब्रिटेन सरकार सख्त हो गई है। ब्रिटिश सरकार ने म्यांमार के इस फैसले का कड़ा विरोध जताते हुए उन्हें धमकी दी है कि वो इन पत्रकारों को जल्द से जल्द रिहा कर दे अन्यथा इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। 
दरअसल ब्रिटेन के दो पत्रकार, 32 वर्षीय वा लोन और 28 वर्षीय क्यॉ सो ओ म्यांमार में ब्रिटिश न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के लिए रिपोर्टिंग करते थे। वे हाल ही में म्यांमार में चल रहे रोहिंग्या संकट की रिपोर्टिंग कर रहे थे लेकिन म्यांमार सरकार ने इसे देश की गोपनीयता नियम का उल्लंघन बताते हुए इन दोनों पत्रकारों को सात-सात साल की सजा सुना दी है। म्यांमार द्वारा पत्रकारों को इतनी लम्बी सजा सुनाये जाने के बाद से ब्रिटेन समेत पुरे विश्व के मीडिआ संगठन इस फैसले का विरोध कर चुके है।
सोमवार को ब्रिटेन ने इस मामले पर अपनी सख्ती दिखाते हुए इन दोनों पत्रकारों को तुरंत रिहा करने की चेतावनी दी है। इसके साथ ही ब्रिटेन ने यह भी कहा है कि म्यांमार के इस फैसले से पुरे विश्व में मीडिया की आजादी कमजोर होगी। ब्रिटिश समाचार एजेंसियों के मुताबिक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थेरेसा मे के प्रवक्ता ने इस मामले में कहा है कि म्यांमार कोर्ट के इस फैसले और पत्रकारों को सजा देने से उन्हें काफी निराशा हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि म्यांमार पत्रकारों को तुरंत रिहा कर दे अन्यथा उसे इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।
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