लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अपराध को रोकने के सरकारी दावे और दावों पर अमल की गंभीरता दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। कई मौकों पर सरकार और उसके नुमाइंदो ने प्रदेश में अपराध के ग्राफ को घटने की बात कही है, लेकिन आंकड़े सरकारी दावों को तहस नहस करते नजर आ रहे हैं। यूपी के बुलंदशहर में 29 जुलाई को मां-बेटी के साथ हुए गैंगरेप के बाद सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर कटघरे में है। विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है और इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से भी इस्तीफे की मांग की जा रही है। इन सबके बीच राज्य अपराध ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि पिछले एक साल में रेप की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है। राज्य अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में पिछले एक साल (2014 से 2015) में रेप के मामलों में लगभग 100 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश राज्य अपराध ब्यूरो की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, 2014 में यूपी में रेप की 3467 घटनाएं हुई थीं, जबकि 2015 में ये बढ़कर 9075 हो गईं है, जो चिंता का विषय है।
अपराध ब्यूरो के एक अधिकारी ने बताया कि आंकड़े इस बात की ओर संकेत करते हैं कि पिछले एक साल के दौरान रेप के मामलों में 100 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ आप यह भी कह सकते हैं कि अब लोग पुलिस के पास अपनी शिकायतें लेकर पहुंच रहे हैं, इसलिए गत वर्षो की अपेक्षा आंकड़ों में इजाफा हुआ है। अधिकारी ने बताया कि रेप के प्रयास की घटनाओं में भी 30 फीसदी का इजाफा देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी ने कहा कि यह सही है कि राज्य में रेप की घटनाओं में इजाफा हुआ है, लेकिन अच्छी बात यह है कि पहले की अपेक्षा अब महिलाएं इस तरह के मामलों में पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराने लगी हैं।