मुंबई। महाराष्ट्र सरकार में सत्तासीन शिवसेना ने राज्यपालों की नियुक्ति पर सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा कि राज्यपाल का पद राजनीतिक विचारों के कबाड़खाने में पड़े लोगों की व्यवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है। ‘राजभवन का ब्रांड बदला’ शीर्षक के साथ शुक्रवार को छपे संपादकीय में पार्टी ने लिखा है, ‘राज्यपाल नियुक्ति के बारे मे जो कुछ कांग्रेसी शासन मे घट रहा था, वही सब मोदी शासन मे भी घटित हो रहा है। सिर्फ ‘ब्रांड’ बदल गया है। राज्यपाल का मतलब जनता के पैसे पर पाने वाला सफेद हाथी है। शिवसेना ने मुखपत्र में लिखा, ‘सवाल यह है कि राज्यपाल का पद चाहिए ही क्यों? यह सवाल वैसे ही पुराना है, फिर भी अपने-अपने राजनीतिक विचारों के कबाड़खाने में पड़े लोगो की व्यवस्था करने के लिए ही राज्यपाल पद का उपयोग किया जाता है। संपादकीय में राज्यपालों की नई सूची के बाबत लिखा गया है, ‘देशभर के मौजूदा राज्यपालों की सूची पर नजर घुमाएं तो यह बात आसानी से ध्यान में आ जाती है। अब तक इन पदों पर नियुक्त किए गए सारे लोग ‘भाजपा’ के कार्यकर्त्ता और नेता हैं।