केंद्र सरकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को कुछ खास बनाने की तैयारी कर रही है. इस विशेष मौके पर बापू के संदेश को जन जन तक पहुंचाने के लिए सरकार मुशायरों का आयोजन करेगी. अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इस क्रम में पहला मुशायरा 6 अक्टूबर को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किया जाएगा जिसमें उर्दू के मशहूर शायर अपनी रचनाएं पेश करेंगे. मुशायरे का आयोजन यहां डॉ. अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में किया जाएगा.
यहां होंगे मुशायरे
नई दिल्ली के बाद मुंबई, लखनऊ, चंडीगढ़, अहमदाबाद, बेंगलुरु, रांची तथा अन्य शहरों में भी इसी तरह से मुशायरों का आयोजन किया जाएगा. केंद्र सरकार बापू की 150वीं जयंती समारोहपूर्वक मनाने और उनके संदेश को देश तथा विदेशों में पहुंचाने के लिए काम करेगी. नकवी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम जहां एक तरफ महात्मा गांधी के शांति एवं अहिंसा के सन्देशों का प्रसार करेंगे वहीं इन कार्यक्रमों से देश में सामाजिक सौहार्द्र, भाईचारे, समरसता को और मजबूत करने में मदद मिलेगी.
इस आयोजन के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है जिसमें उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, कई कैबिनेट मंत्री, विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, प्रसिद्ध गांधीवादी और सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है.
ये बड़ी हस्तियां करेंगी शिरकत
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर मुशायरों में प्रसिद्ध शायर-कवि गुलजार, वसीम बरेलवी, हसीब सोज़, मंज़र भोपाली, नसीम निकहत, इक़बाल अशहर, सुरेन्द्र शजर, हसन कमाल, शबीना अदीब, राजेश रेड्डी, मंसूर उस्मानी, पॉपुलर एजाज, एहसान कुरैशी आदि को आमंत्रित किया गया है. इनके अलावा कुछ अन्य प्रमुख एवं क्षेत्रीय शायर-कवि भी इन कार्यक्रमों में भाग लेंगे.
महात्मा गांधी का पत्र हुआ नीलाम
अमेरिका के बोस्टन में महात्मा गांधी द्वारा लिखा गया बिना तिथि वाला एक पत्र 6358 डॉलर (4,59,301 रुपए) में नीलाम हुआ है. गांधी ने इस पत्र में चरखे के महत्व पर जोर दिया है. यह जानकारी अमेरिका के आरआर ऑक्शन ने दी है. ऑक्शन हाउस ने एक बयान में कहा कि पत्र गुजराती भाषा में लिखा है और यह यशवंत प्रसाद नाम के व्यक्ति को संबोधित है. गांधी ने पत्र में लिखा है, ‘हमें मिलों से जो उम्मीद थी वही हुआ है.’ उन्होंने लिखा है, ‘यद्यपि आप जो कहते हैं वह सही है, सब कुछ करघे पर निर्भर करता है.’