लखनऊ। लखनऊ में अगर आपने लाइसेंसी विदेशी शस्त्र खरीदा है, शायद वह नकली हो। लखनऊ की शस्त्र दुकानों पर मेड इन इटली, ब्रिटेन का ठप्प लगी पिस्तौल, रिवाल्वर नकली हो सकती है। वजह आगरा पुलिस ने अवैध शस्त्र की फैक्ट्री पकड़ी है, इसमें लखनऊ का एक शस्त्र दुकानदार भी पकड़ा गया है। पकड़े गए शस्त्र दुकानदार हरजीत सिंह की लाटूश रोड पर शस्त्र की तीन दुकान है। मामले की जानकारी जिला प्रशासन को होते ही सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने जांच शुरू कर दी है।
आगरा में अवैध फैक्ट्री की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन सर्तक हो गया है। आगरा पुलिस के इंस्पेक्टर टीबी सिंह ने इस घटना का पर्दाफाश किया है। उन्हें सूचना मिली थी कि शास्त्रीपुरम (सिकंदरा) के निखिल पैराडाइज में शस्त्र बनाने की फैक्ट्री चल रही है। इस फैक्ट्री में शस्त्रों का निर्माण कर उन पर विदेश निर्मित होने का ठप्पा लगाया जाता था। इंस्पेक्टर टीबी सिंह के मुताबिक जर्मनी की स्टार और इटली की पिएट्रो बरेटा कंपनी की पिस्टलें तैयार की जा रही थी। जांच में अवैध कारखाने में तैयार पिस्टलें शस्त्र विक्रेताओं के माध्यम से ग्राहकों को असली बताकर बेची जा रही थीं।
आगरा में पुलिस ने आवास विकास कालोनी सेक्टर नौ निवासी लोकेश शर्मा, हरजीत सिंह (पुष्पांजलि एन्क्लेव, रिवर बैंक कालोनी, लखनऊ) व गुरुबक्श सिंह (कृष्णा पार्क, नई दिल्ली) को गिरफ्तार किया गया है। शास्त्रीपुरम (सिकंदरा) के निखिल पैराडाइज में वर्ष 2014 में लोकेश शर्मा ने यह काला धंधा शुरू किया और चंद माह में ही हूबहू विदेशी पिस्तौल बना कर दुकानों पर सप्लाई करता था। लोकेश ने 30 हजार रुपए की तनख्वाह पर दिल्ली के गुरुबक्श को काम पर रखा है।
हरजीत की लखनऊ में है तीन दुकान
आगरा में पकड़े गए हरजीत सिंह सरना की तीन दुकाने है। उसकी यहां लाटूश रोड पर सिंह गन हाउस, सिंह शस्त्रालय और अधिकारी गन हाउस दुकानें हैं। अवैध कारखाने में तैयार पिस्तौल की पांच से सात लाख रुपए तक कीमत वसूल ली जा रही थी।
लखनऊ है बड़ा बाजार
हथियारों के सौदागरों के मुताबिक लखनऊपिस्तौल और रिवाल्वर का बड़ा बाजार है। यहां से हथियार खरीदने में किसी को शक नहीं होता। टीबी सिंह के मुताबिक जर्मनी की स्टार और इटली की पिएट्रो बरेटा कंपनी की पिस्टलें शास्त्रीपुरम (सिकंदरा) में तैयार हो रही थीं। यहां से तैयार किए गए हथियारों को लखनऊ में खपाया जाता था। करीब ढाई वर्ष पूर्व लखनऊ और कानपुर की कई दुकानों से नक्सलियों को हथियारों सप्लाई किया जाना पाया गया था। एटीएस ने इसका बड़ा खुलासा किया था। इस कांड का खुलासा इंस्पेक्टर टीबी सिंह ने किया था। टीबी सिंह उस समय लखनऊ में एटीएस में तैनात थे। नक्सलियों को हथियार और कारतूस सप्लाई किए जाने का भंडाफोड़ होने पर चार दुकानों के शस्त्र लाइसेंस रद्द किए गए थे।