नई दिल्ली। जीएसटी बिल बुधवार को लोकसभा में संशोधनों के साथ पास हो गया। जीएसटी से जुड़े चार बिल सेंट्रल जीएसटी (सी-जीएसटी), इंटिग्रेटेड जीएसटी (आई-जीएसटी), यूनियन जीएसटी (यूटी-जीएसटी) और मुआवजा कानून बिल हैं। बिल पर 7 घंटे बहस हुई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद रहे।
बहस के दौरान जेटली ने कहा- जीएसटी से महंगाई नहीं बढ़ेगी। टैक्स के मौजूदा रेट्स एक लेवल पर ही रहेंगे। वहीं, कांग्रेस के वीरप्पा मोइली ने कहा- ये कोई गेम चेंजर स्टेप नहीं बल्कि बेबी स्टेप है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों में एक जंग होने वाली है। जीएसटी से जुड़े चार बिलों को सोमवार को संसद में पेश किया गया था। बिल में मैक्सिमम 40% जीएसटी रेट, मुनाफाखोरी रोकने के लिए अथॉरिटी बनाने और कर चोरी करने पर गिरफ्तारी जैसे प्रावधान हैं। विवाद सुनवाई के लिए जीएसटी अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन होगा।
जीएसटी लागू होने के बाद वस्तु एवं जिंस की कीमतों में बढ़ोतरी की आशंकाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स की दरें मौजूदा स्तर पर रखी जाएंगी ताकि इसका महंगाई पर असर नहीं पड़े। जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद टैक्स ढांचे को सर्वसम्मति से तय कर रही है और इस बारे में अब तक 12 बैठकें हो चुकी हैं। यह विधेयक केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझी सम्प्रभुता के सिद्धांत पर आधारित है। उन्होंने कहा, ‘यह संवैधानिक मंजूरी प्राप्त पहला संघीय अनुबंध है। यह ऐतिहासिक और क्रांतिकारी विधेयक है। जीएसटी परिषद सही मायने में पहला संघीय संस्थान है। इसके साथ केंद्र-राज्य संबंध के नाजुक तार को कायम रखा गया है।’
लोकसभा में इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, कई वरिष्ठ मंत्री, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आदि मौजूद थे। जीएसटी लागू होने पर केन्द्रीय स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, सेवाकर और राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) सहित कई अन्य कर इसमें समाहित हो जाएंगे।
जीएसटी की अहम बातें :
· जीएसटी व्यवस्था में चार दरें 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत हैं
· लक्जरी कारों, बोतल बंद पेयों, तंबाकू उत्पाद जैसी अहितकर वस्तुओं और कोयला जैसी पर्यावरण से जुड़ी सामग्री के ऊपर अतिरिक्त उपकर भी लगाने की बात कही गई है।
· 28 प्रतिशत से अधिक लगने वाला उपकर (सेस) मुआवजा कोष में जाएगा।
· जीएसटी से जिन राज्यों को नुकसान हो रहा है, उन्हें सेस से राशि दी जाएगी। पहले पांच साल तक राजस्व नुकसान की भरपाई की जाएगी।
· जीएसटी से उत्पाद, सेवा कर और अतिरिक्त सीमा शुल्क समाप्त हो जाने की स्थिति में केंद्र को कर लगाने का अधिकार होगा।
· जीएसटी के प्रावधानों का दुरुपयोग नहीं किया जा सके, इसके भी उपाय किए गए हैं।
· जीएसटी को लेकर पेश किए गए चार विधेयक पर संसद की मुहर और अलग से तैयार राज्य जीएसटी विधेयक को सभी राज्यों की विधानसभाओं में मंजूरी मिलने के बाद पूरे देश में जीएसटी व्यवस्था को लागू करने की विधायी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
· जीएसटी को एक जुलाई से लागू करने की सरकार की मंशा है।