नई दिल्ली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह 4 अगस्त को आयोजित हो रहे सार्क के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचे। इस दौरान वह वांछित आतंकवादी दाउद इब्राहिम और सीमापार आतंकवाद के मुद्दे उठा सकते हैं। गृह एवं विदेश मंत्रालयों के अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे सिंह दक्षिण एशियाई देशों के बीच अर्थपूर्ण सहयोग की जरूरत को रेखांकित करेंगे। वह बतौर गृह मंत्री पाकिस्तान के पहले दौरे पर आए हैं।वहीं पाकिस्तान के इस्लामाबाद में सार्क कांफ्रेंस वेन्यू के बाहर गृहमंत्री राजनाथ सिंह के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है। बताया जा रहा है कि वह सम्मेलन में पाक प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाएंगे। गृह मंत्रालय में सूत्रों के अनुसार, राजनाथ पाकिस्तान से कड़े शब्दों में भारत में आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करना बंद करने को कह सकते हैं।
साथ ही पठानकोट हमले की जांच की धीमी रफ्तार और मुंबई हमले के मामले में उस देश में चल रहे मुकदमे की धीमी रफ्तार का मुद्दा उठा सकते हैं। पठानकोट हमले को जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार अपने पाक प्रवास के दौरान राजनाथ सार्क देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में शिरकत करेंगे लेकिन पाक समकक्ष के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक का कोई कार्यक्रम निर्धारित नहीं है।
200 जवान रहेंगे तैनात-
कश्मीर मुद्दे और भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के दौरे के विरोध में आतंकी सरगना हाफिज सईद के प्रदर्शन की चेतावनी को पाकिस्तान की नवाज शरीफ सरकार ने गंभीरता से लिया है। नवाज सरकार ने सार्क बैठक में शामिल होने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर इस्लामाबाद आ रहे राजनाथ सिंह को श्राष्ट्रपति स्तर की सुरक्षाश् देने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति स्तर की सुरक्षा का मतलब यह है कि राजनाथ सिंह की सुरक्षा में पाकिस्तान के उच्च सुरक्षा दस्ते के कमांडो समेत लगभग 200 जवान तैनात हैं। बताया जा रहा है कि नवाज शरीफ की अध्यक्षता में सुरक्षा के मद्देनजर हुई एक अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया। सामान्य तौर पर गृह मंत्री के दौरे के समय उनको मंत्री स्तर की सुरक्षा मिलती है लेकिन सईद की चेतावनी के बाद साउथ ब्लॉक ने पाकिस्तान गृह मंत्रालय से सुरक्षा का मामला उठाया था। सूत्रों के अनुसार, राजनाथ सिंह को हाई सिक्युरिटी जोन में स्थित एक होटल में ठहराया जाएगा। उसी क्षेत्र में प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय है।