पटना। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मारकंडेयकाटजू के बिहार के प्रति गैर जिम्मेवार और विवादित ट्वीट को लेकर आज अरविन्द पंकज के द्वारा पटना के व्यवहार न्यायालय में एक परिवाद दायर किया गया है। अरविन्द पंकज ने परिवाद दायर करते हुए कहा कि एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति का बिहार के 12 करोड़ जनता के प्रति जो नजरिया है, वो इस देश के संवैधानिक ढ़ांचे का सीधा-सीधा उल्लंघन है ।
बिहार की जनता ऐसी किसी भी बात को किसी भी हालत में बर्दास्त नहीं करेगी और बिहारी अस्मिता के खिलाफ बोलने वाले को सबक सिखाएगी । उन्होंने बिहार की जनता से अपील करते हुए कहा कि है कि अब समय आ गया है जब हम इन लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलें और बिहार के प्रति नकारात्मक नजरिया रखने वालों को उन्हीं की भाषा में जवाब दें ।
अरविन्द पंकज ने ये भी कहा की इस देश को सबसे पहले प्रजातंत्र का पाठ पढ़ाने वाले पाटलिपुत्रा की धरती के सपूतो ने देश निर्माण में जो भूमिका निभाई है वो सोभाग्य शायद ही किसी और राज्य को मिला है । बिहार के अप्सर, डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, प्रोफेसर से लेकर मजदुरों तक ने इस देश को अपने खून-पसीने से सींचा है और जहां तक बिहार के बारे में नकारात्मक बातें संवैधानिक पद पर रहने वाले व्यक्ति के द्वारा फैलायी जाती है तो भारत सरकार को तुरंत इन सब पर लगाम लगाना चाहिये, अन्यथा ये देश के संवैधानिक ढांचा को कमजोर करने का काम करेगा । परिवाद दायर करने वाले अधिवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि आईपीसी के सेक्शन 500, 501, 505, और 124 ए के तहत मारकंडेकाटजू पर परिवाद दायर किया गया है । उनपर बिहार के 12 करोड़ जनता के मान को हानि पहुचाने और देश की अखंडता को तोड़ने के लिये देशद्रोह का मुक़दमा दायर किया गया है । इस मुक़दमा में गवाह के रूप में धीरज सिंह क्रन्तिकारी और अविनाश भारद्वाज भी उपस्थित थे ।