नई दिल्ली। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि बंधुआ मजदूरी को भारतीय समाज से एक निर्धारित समय के अंदर समाप्त करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बंधुआ मजदूरी के मुद्दे पर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है ताकि बंधुआ मजदूरी के अभिशाप को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके।
बंधुआ मजदूरी उन्मूलन पर वीवी गिरि राष्ट्रीय श्रम संस्थान, नोएडा में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए श्री दत्तात्रेय ने कहा कि न्यायपालिका, जीवंत मीडिया और सिविल सोसायटी, जिला प्रशासन, पुलिस और राज्य श्रम विभागों पर दबाव डालने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ताकि बंधुआ मजदूरी करवाने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई हो और मुक्त किए गए बंधुआ मजदूरों का पुनर्वास संभव हो। उन्होंने कहा कि मुक्त किए गए बंधुआ मजदूरी में संलग्न बच्चों, महिलाओं और वयस्कों को बेहतर शिक्षा, कौशल आदि प्रदान किया जाना चाहिए ताकि उनका सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण हो सके। उन्होंने कहा की बंधुआ मजदूरी के उन्मूलन के लिए मौजूदा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।
कार्यशाला में विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम आयुक्त एवं प्रतिनिधि, केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एवं सिविल सोसाटी के प्रतिनिधि, अकादमिक क्षेत्रों तथा गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का आयोजन अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (भारत-केंद्र) के सहयोग से किया जा रहा है। नोबेल पुरस्कार प्राप्त डॉ. कैलाश सत्यार्थी ने उद्घाटन समारोह में प्रमुख वक्तव्य दिया।