गुवाहाटी
असम की वन मंत्री प्रमिला रानी ब्रह्मा ने गुरुवार को कहा कि पिछले 16 सालों में राज्य में शिकारियों द्वारा कुल 239 गैंडे मारे गए। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक अजंता नियोग के एक सवाल का जवाब देते हुए ब्रह्मा ने कहा कि 2001 से जुलाई-2016 तक शिकारियों द्वारा 239 गैंडे मारे गए
उन्होंने कहा, ‘वन कर्मचारियों का मनोबल बहुत कमजोर है। उनके पास मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। ट्रांजिट कैंप छिन्न-भिन्न अवस्था में है और पेयजल की कोई सुविधा नहीं है। उन्हें हर महीने राशन तक नहीं मिलता। यह साल में केवल एक या दो बार दिया जाता है।’ मंत्री ने कहा ‘विभाग ने अस्थाई कर्मचारी रखे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें नियमित रुप से पगार नहीं मिलती। ऐसा कहा जाता है कि वर्दी के लिए धन मंजूर किया गया, लेकिन वह उन्हें नहीं मिला। वे कैसे टिकेंगे? मैंने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा की क्योंकि हम शिकार रोकने को लेकर गंभीर हैं।’
उन्होंने कहा कि .303 राइफल जैसे हथियारों समेत उपकरण बहुत पुरानी प्रौद्योगिकी हैं और ज्यादातर समय गोलियों की कमी रहती है। हमें उपकरणों को आधुनिक करने, अच्छे ट्रांजिट कैंप, वर्दी, जूते व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की जरूरत है। मेरी पहली प्राथमिकता शिकार रोकना है, लेकिन मैं यह दावा नहीं कर सकती कि मैं शिकार को पूरी तरह से खत्म कर सकूंगी।’
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