दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्रओं की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू कर दिया है। योजना के तहत 728 स्कूल भवनों पर 4 मेगा पिक्सल के करीब डेढ़ लाख कैमरे लगाए जाएंगे। इस पर 597.51 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
सरकार के वर्क एडवाइजरी बोर्ड ने पिछले सप्ताह इस योजना को फाइनल मंजूरी दी थी। इसमें तीन तरह के कैमरे लगाए जाएंगे। बुलेट कैमरे स्कूलों के खुले स्थानों पर, डोम कैमरे क्लास रूम और पीटीजेड कैमरे प्रवेश द्वार पर लगाए जाएंगे।
वहीं दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इस साल के अंत तक कमरों की संख्या काफी बढ़ जाएगी। सरकार जल्द ही 11 हजार कमरे बनाने का काम शुरू करने जा रही है। 28 जनवरी को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शिलान्यास करेंगे। दिल्ली सरकार पिछले चार साल से शिक्षा को प्राथमिकता दे रही है। यही कारण है कि कुल बजट का लगभग एक चौथाई हिस्सा शिक्षा को आवंटित किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में 16 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं।
इनमें से अधिकतर बच्चों के पास बैठने के लिए कमरे नहीं थे, जिस कारण इन्हें खुले में बैठकर या एक ही कक्षाओं में 150 बच्चों को बैठना पड़ रहा था। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने अतिरिक्त कक्षाओं को बनाने का फैसला लिया। वर्ष 2015 में कमरों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ और लगभग आठ हजार नए कमरे बनाए गए। उन्होंने कहा कि 11 हजार कमरे बनाने का काम जल्द शुरू होगा और जल्द
ही एक हजार और कमरे के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 से अब तक आठ हजार कमरे बनाए गए हैं। शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि सरकारी स्कूलों में इस तरह के 8 हजार से ज्यादा नए क्लासरूम बनाए जा चुके हैं। 11 हजार कमरों का निर्माण शुरू हो रहा है और एक हजार के लिए टेंडर किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में सरकारी स्कूलों में कुल 17 हजार टूटे-फूटे कमरे थे। अब शानदार 25 हजार कमरे हैं जो इस साल के अंत तक 37 हजार हो जाएंगे।
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