नई दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने राज्यों से अनुसूचित जातियों के प्रति अपराध मुक्त वातावरण बनाने के लिए संविधान में दिये गये अधिकारों के प्रभावी क्रियान्वयन का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुसूचित जातियों के प्रति अत्याचारों को रोकने और उनको सशक्त करने के लिए संवैधानिक प्रावधानों को और मजबूत किया है। इन प्रावधानों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कदम उठाये जाने और हर स्तर पर निगरानी प्रणाली गठित करने की आवश्यकता है।
श्री गहलोत गुरूवार को अनुसूचित जातियों पर अत्याचारों और अनुसूचित जाति उपयोजना निधि के प्रयोग से जुड़े मुद्दों पर विचार के लिए राज्यों के मुख्य सचिवों, गृह सचिवों, सामाजिक न्याय सचिवों और पुलिस महानिदेशकों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जातियों के प्रति छुआछूत को समाप्त करना हमारा संवैधानिक दायित्व है। राज्य सरकारों को इस उद्देश्य के लिए सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रत्येक स्तर पर संवेदनशील बनाना होगा। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में अनुसूचित जातियों के प्रति अत्याचार पर रोकथाम, हाथ से मैला ढ़ोने वालों की पहचान और पुनर्वास, अनुसूचित जाति उप योजना का क्रियान्वयन और राज्य सरकारों के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों सहित राज्य सरकार की सेवाओं में आरक्षण के क्रियान्वयन की निगरानी पर विचार-विमर्श हुआ।