इन्हें सात दिन के भीतर लिखित जवाब लॉगिंग प्रबंधक के दफ्तर में जमा करने को कहा गया है। इसकी सूचना हजरतगंज थाना पुलिस को भी दी गई है।
बिना अनुमति खनन टेंडर आमंत्रित करने के मामले में 16 मई को वन निगम के एमडी एसके शर्मा को हटा दिया गया था, जबकि अपर प्रबंध निदेशक मनोज सिन्हा और लॉगिंग प्रबंधक जीसी सिन्हा को सस्पेंड किया गया था।
इतना ही नहीं, शासन ने अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच के लिए भी उच्चस्तरीय कमेटी का गठन कर दिया है। शासन ने लॉगिंग प्रबंधक जीसी सिन्हा को डिवीजनल मैनेजर (ईको रेस्टोरेशन) का पदनाम दिए जाने पर भी एतराज किया, क्योंकि इस पद के लिए शासन से पूर्वानुमति नहीं ली गई।
इस सबके बीच जीसी सिन्हा ने 4 मई को अपने दफ्तर में प्रमुख सचिव वन रेणुका कुमार, वन विभाग के एचओडी रूपक डे, सचिव वन संजय सिंह, वन निगम के निवर्तमान एमडी एसके शर्मा और केंद्रीय सचिव पर्यावरण, वन व पारिस्थितिकीय परिवर्तन के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया। केस में कहा गया है कि टेंडर रद्द होने से वन क्षेत्र में ईको रेस्टोरेशन (पुनर्स्थापना) नहीं हो पाएगा।
जीसी सिन्हा ने 16 मई को इन सभी अधिकारियों को समन भेज दिया। इसमें बतौर डिवीजनल मैनेजर (ईको रेस्टोरेशन) जीसी सिन्हा ने कहा है, भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 66 के तहत मिले असीमित अधिकारों के तहत मैं आपको (कथित आरोपी अधिकारियों) निर्देश देता हूं कि सात दिन के अंदर मेरे दफ्तर में लिखित जवाब दें।
अगर आपका जवाब संतोषजनक नहीं पाया जाता है, तो व्यक्तिगत रूप से मेरे दफ्तर में उपस्थित होना होगा। पूरे प्रकरण की सूचना राष्ट्रपति को भी भेजी गई है। उधर, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जीसी सिन्हा ने अधिकारों से परे जाकर नोटिस भेजा है। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
संजय सिंह, सचिव वन ने नोटिस मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इसका अध्ययन किया जा रहा है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal