अलग-अलग नेताओं और सम्मानित हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने को लेकर आ रहे बयानों की फेहरिस्त में अब शिवसेना भी शामिल हो गई है. केंद्र और महाराष्ट्र में एनडीए की सरकार की प्रमुख सहयोगी पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को भारत रत्न ना दिए जाने को लेकर बीजेपी पर सवाल उठाए हैं. शिवेसना ने सामना में लिखा है बार-बार मांग होने पर भी और जन भावना तीव्र होने के बावजूद महान स्वतंत्रता सेनानी सावरकर को ‘भारत रत्न’ का सम्मान क्यों नहीं मिल सका?
शिवसेना ने सवाल किया है कि वीर सावरकर में ऐसा क्या कमी दिखाई दी कि मोदी सरकार उनका सम्मान नहीं कर सकी? लेख में आगे लिखा है कि हिंदू राष्ट्र की संकल्पना रखने वाले तथा स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महान त्याग करनेवाले वीर सावरकर का कांग्रेसी शासन में उपेक्षा और अपमान हुआ. लेकिन मोदी सरकार ने उस अपमान का बदला लेने के लिए क्या किया?
सामना में आगे लिखा है कि विरोधी दल में रहते समय भाजपा के लोग वीर सावरकर को ‘भारत रत्न’ मिले, ऐसा आग्रह करते थे. पर मोदी सरकार के कार्यकाल में अयोध्या में राम मंदिर नहीं बना और वीर सावरकर को ‘भारत रत्न’ भी नहीं मिला, यह दुर्भाग्य है.
संपादकीय के जरिए शिवसेना ने बीजेपी से ये कहने की कोशिश है कि जब बीजेपी सत्ता से बाहर रहती है तो राम मंदिर, हिंदुत्व जैसे दूसरे मामले पूरे ताकत से उठाती है लेकिन सत्ता मे आते ही वे सब भूल जाती हैं. आपको बता दें कि भारत रत्न को लेकर शिवसेना के अलावा योगगुरु रामदेव और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भी सवाल उठाए है. रामदेव ने किसी भी साधु संत को भारत रत्न नहीं दिए जाने को लेकर सरकार से सवाल पूछा है कि वहीं एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा है कि क्या सरकार ने किसी दलित, आदिवासी, मुस्लिम या गरीब को भारत रत्न दिया है?