सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारत में बंद विदेशी कैदियों के संबंध में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि फॉरेन ट्रिब्यूनल के पास विदेशियों के कितने केस लंबित है और इन ट्रिब्यूनल ने असम में कितने लोगों को विदेशी घोषित किया है.
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कितने समय से संदिग्ध विदेशी कैदी ‘डिटेंशन सेंटर’ में रखे गए हैं और ट्रिब्यूनल से विदेशी करार दिए जाने के बाद उनमें से कितनों को उनके देश वापस भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि इनमें से कुछ ऐसे कैदी भी हैं, जो अपनी सजा भुगतने के बाद भी ‘डिटेंशन सेंटर’ में रखे गए हैं क्योंकि भारत सरकार उन्हें उनके देश नहीं भेज सकी है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी पूछा है कि सजा काट चुके विदेशी कैदियों की उनके देश वापसी के लिए सरकार क्या कर रही है. इसी बीच सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि 9 ‘डिटेंशन सेंटर’ में 986 संदिग्ध विदेशियों को रखा गया है. साथ ही पिछले पांच साल में हजारों बांग्लादेशियों को उनके देश भेजा चुका है.