जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों पर सुरक्षा बलों की सख्ती सियासी मुद्दा बनती रही है लेकिन उपद्रवी तत्वों के हमले की सुरक्षा बलों को महंगी कीमत चुकानी पड़ रही है। इस साल पत्थरबाजों के हमले में अब तक चार हजार से अधिक जवान घायल हो चुके हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस को सबसे अधिक भुगतना पड़ रहा है।
सुरक्षा बलों द्वारा पेलेट गन के इस्तेमाल पर इस बार सियासी रंग चढ़ा लेकिन सुरक्षा बलों के अधिक संख्या में घायल होने के कारण अर्द्धसैनिक बलों में एक लंगड़ी टुकड़ी तैयार हो गई है। इस टुकड़ी को परेड में भी अलग टुकड़ी के रूप में खड़ा करने की मजबूरी है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के दस्तावेजों के अनुसार पिछले साल की तुलना में पत्थरबाजी की घटनाओं में लगातार इजाफा हुआ है। पिछले साल 12 महीनों में पत्थरबाजी की बड़ी घटनाओं की संख्या 730 थी जो इस साल सिर्फ सात महीनों में बढ़कर 1029 हो गई है। इस साल ऐसी घटनाओं में सुरक्षा बलों के दो जवान भी शहीद हो गए।