जयपुर।पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय बंद किये जाने के राज्य की भाजपा सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला अवैधानिक है।
गहलोत ने शुक्रवार को यहां जारी अपने बयान में कहा कि भाजपा सरकार कांग्रेस शासन के जनकल्याणकारी फैसलों को एक के बाद एक समाप्त कर रही है। यहां तक कि रिफाईनरी एवं मेट्रो को भी नहीं छोड़ा जो राजस्थान के विकास में मील का पत्थर साबित होते। पूरे देश में नये विश्वविद्यालय खोले जा रहे है और राजस्थान में एक विश्वविद्यालय को बंद किये जाने का यह एक अकेला उदाहरण सामने आया है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर तो केन्द्र द्वारा भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली का दर्जा बढ़ाया जा रहा है और दूसरी ओर राजस्थान में ऐसे ही एक विश्वविद्यालय की आवश्यकता को ही नकार दिया गया है जबकि पत्रकारिता के ऐसे ही दो संस्थान भाजपा शासित मध्यप्रदेश के भोपाल और छत्तीसगढ़ के रायपुर में पहले से विद्यमान है। हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय की स्थापना राज्य विधानसभा में एक्ट पारित करके की गयी है जिसे बंद करने के फैसले का अधिकार भी सिर्फ और सिर्फ राज्य विधानसभा को ही है। आश्चर्यजनक रूप में राज्य सरकार ने इस विश्वविद्यालय की अपूर्ण प्रबंध मण्डल की बैठक में इसको राजस्थान विश्वविद्यालय में समाहित करने का फैसला किया है। यह समझ से परे है कि जिस प्रबंध मण्डल को विश्वविद्यालय को संचालित करने मात्र का अधिकार है वह उसे बंद करने अथवा अन्यत्र समाहित करने का फैसला कैसे कर सकता है?
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