अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को हिंसा के एक और मामले में आज सर्शत जमानत दे दी जिसके साथ ही उनके करीब नौ माह बाद जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया। आज न्यायमूर्ति पी पी भट्ट की अदालत ने पिछले साल 23 जुलाई को महेसाणा जिले के विसनगर में पाटीदार समाज की एक आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुई हिंसा और स्थानीय भाजपा विधायक रिषिकेश पटेल के कार्यालय में तोडफोड से जुड़े इस मामले में हार्दिक को जमानत दे दी। अब संबंधित कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद उनके दो दिन बाद जेल से बाहर आने की संभावना है। हार्दिक के वकील जुबिन भरडा ने बताया कि अदालत ने राजद्रोह मामले की जमानत की शर्तों को इस बार भी कायम रखा है तथा इसके साथ ही इस मुकदमे की सुनवाई जारी रहने तक महेसाणा जिले में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। गत आठ जुलाई को हाई कोर्ट के न्यायाधीश ए जे देसाई की अदालत ने उन्हें सूरत और अहमदाबाद में दर्ज राजद्रोह के दो मामलों में भी सर्शत जमानत दी थी जिसमें उन्हें रिहाई के बाद से 6 माह तक राज्य से बाहर रहने की शर्त भी शामिल थी। इसकी उन्होंने स्वयं ही पेशकश की थी।
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