हैदराबाद
नए ऐकडेमिक सीजन शुरू होने के एक सप्ताह बाद ही हैदराबाद विश्वविद्यालय (UoH) के छात्रों ने कैंपस में लगातार हो रही निगरानी को लेकर चिंता जाहिर की है। छात्रों का कहना है कि सिक्यॉरिटी गार्ड्स उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहें हैं। कैंपस में स्टूडेंट्स के इकट्ठे होने की प्रमुख जगहों पर CCTV लगा दिए गए हैं।
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने 16 जुलाई को आतंकी बुरहान वानी के मुद्दे पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों और कुछ अन्य छात्र संगठनों के सदस्यों के बीच विवाद होने के कारण सुरक्षा मजबूत करने का निर्णय लिया था। झगड़े के बाद विश्वविद्यालय ने एक सर्कुलर जारी कर कैंपस में किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन और मीटिंग के आयोजनों को प्रतिबंधित कर दिया था। इसके बाद से छात्रों ने अपनी चिंता जताई।
समाज शास्त्र विभाग की एक रिसर्च स्कॉलर मिताजी ने कहा, ‘जो छात्र किसी भी मुद्दे के खिलाफ विरोध करना चाहते हैं। वे शॉपिंग कॉम्पलेक्स में CCTV कैमरा लगाए जाने के कारण अपनी पहचान जाहिर होने के डर से सामने नहीं आ रहें है।’ इस विषय पर विश्वविद्यालय की जीएसकैश कमिटी ने चीफ वार्डन और चीफ सिक्यॉरिटी ऑफिसर के सामने एक अभिवेदन दिया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का निर्णय यूजीसी की सक्षम कमिटी की रिपोर्ट (2013) का उल्लंघन है।
यह पहली बार नहीं है जब UoH के छात्रों ने मॉरल पुलिसिंग के खिलाफ आवाज उठाई हो। पिछले साल भी छात्रों और शिक्षकों ने सिक्यॉरिटी गार्ड के एक महिला फैकल्टी मेंबर के घर पर गैरकानूनी तरीके से छापेमारी करने का विरोध किया था। एमए की छात्रा देबेमिता मुखर्जी ने कहा, ‘हमारी गतिविधियों पर निगरानी करने से पहले विश्वविद्यालय को हमारी राय भी लेनी चाहिए थी। यह केवल कैंपस सुरक्षा बढ़ाने का मुद्दा ही नहीं है बल्कि छात्रों के लिए भय का माहौल बनाए जाने का मुद्दा है।’