लखनऊ। राजधानी में डेंगू के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, महज 6 दिनों के भीतर 176 नए केस सामने आए हैं, जिससे कुल संख्या लगभग 500 तक पहुंच गई है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है, कई मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिर रही है, जिससे मौतों का खतरा बढ़ गया है। शहर के तीन बड़े सरकारी अस्पतालों में 55 गंभीर मरीज भर्ती हैं, जिनमें से कुछ को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ी है।
मामले की गंभीरता
केस 1:
बाराबंकी निवासी 21 वर्षीय सोनम को डेंगू की पुष्टि हुई थी। इलाज के दौरान उनकी प्लेटलेट्स 9,000 तक गिर गईं। 4 यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद हालत में सुधार आया और अब वे खतरे से बाहर हैं।
केस 2:
लखनऊ के जानकीपुरम की 69 वर्षीय महिला को डेंगू से जुड़ी समस्याओं के कारण मल्टीपल ऑर्गन फेलियर हो गया और उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि समय पर इलाज नहीं मिलने से यह स्थिति पैदा हुई।
केस 3:
12वीं के छात्र श्रेयांश की डेंगू से मौत हो गई। बलरामपुर अस्पताल में इलाज के बाद स्थिति बिगड़ने पर उसे मेदांता ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
अस्पतालों में स्थिति
सिविल अस्पताल, लोकबंधु और बलरामपुर अस्पताल में डेंगू वार्ड बनाए गए हैं। सिविल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश श्रीवास्तव के अनुसार, अभी पैनिक की स्थिति नहीं है, लेकिन मरीजों को गंभीर हालत में लाया जा रहा है। लोकबंधु अस्पताल में 12 मरीज भर्ती हैं, और कई की स्थिति स्थिर बनी हुई है।
शहर में डेंगू की सबसे अधिक चपेट वाले इलाके
इंदिरा नगर, चंदर नगर, सरोजनी नगर, ऐशबाग, सिल्वर जुबली, टुडियागंज, और चिनहट में डेंगू के कई मामले सामने आए हैं। रविवार को 24 घंटे के भीतर 31 नए मामले दर्ज हुए। स्वास्थ्य विभाग ने 1686 घरों का निरीक्षण किया, जिसमें 14 घरों में लार्वा मिला और नोटिस जारी की गई।
एक्सपर्ट की राय
मेडिकल कॉलेज के प्रो. हिमांशु ने बताया कि डेंगू से मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा रहता है, जिससे ब्रेन, लंग्स, और किडनी समेत महत्वपूर्ण अंग प्रभावित हो सकते हैं। अगर समय पर इलाज न हो तो स्थिति बिगड़ सकती है। डॉक्टरों ने अलार्मिंग लक्षणों जैसे तेज बुखार, शरीर में दर्द, और रैशेज को नजरअंदाज न करने की सलाह दी है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal