उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदली और पर्वतीय इलाकों की ऊंची चोटियों में जमकर हिमपात हुआ। मसूरी और आसपास के क्षेत्र में हिमपात देख पर्यटकों के चेहरे भी खिल उठे। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में हल्की बारिश से सर्दी बढ़ गई है।
देहरादून में सुबह करीब साढ़े पांच बजे से हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई। जो रुक-रुक कर देर तक जारी रही। साथ ही तेज हवाएं चलने से कड़ाके की सर्दी हो रही है। मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार उत्तराखंड के अधिकतर इलाकों में बारिश व पहाड़ों में बर्फबारी का दौर अगले चौबीस घंटे तक जारी रह सकता है।
मसूरी में सुबह निकटवर्ती नागटिब्बा में अच्छा हिमपात हुआ। वहीं, सुरकुंडा में भी हिमपात की सूचना है। बदरीनाथ, केदारनाथ धाम, हेमकुंड, गंगोत्री, यमुनोत्री, गोमुख और नेलांग घाटी में भी अच्छी बर्फबारी की सूचना है।
वहीं, गढ़वाल के जिलों में कहीं हल्की बारिश है तो कहीं, आसमान में बादल छाए हैं। कुमाऊं मंडल में भी सुबह के समय रानीखेत, अल्मोड़ा, बाजपुर, नैनीताल, पिथौरागढ़ आदि स्थानों पर बादल छाए रहे।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले 24 घंटों में कुछ स्थानों पर बेहद हल्की बारिश व कहीं-कहीं मध्यम बारिश होने की संभावना है। देहरादून व मूसरी के कुछ इलाकों में गर्जन वाले बादल विकसित हो सकते हैं। इस दौरान अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 22 व आठ डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।
उधर, मंगलवार को भी केदारनाथ, गंगोत्री एवं यमुनोत्री के अलावा हर्षिल व औली में दिन के समय बारिश व बर्फबारी हुई। जिससे समूचा क्षेत्र कड़ाके की शीतलहर की चपेट में रहा। चमोली एवं रुद्रप्रयाग जिले में कहीं-कहीं दिन के समय बारिश हुई। जो आज भी जारी है।
मंगलवार को दून का अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 22.7 व न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि मसूरी में अधिकतम तापमान 12.9 व न्यूनतम तापमान 3.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
जौनसार बावर की ऊंची चोटियों में मौसम का पहला हिमपात
बुधवार सुबह मौसम के करवट बदलने से जौनसार-बावर की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई। चकराता क्षेत्र के लोखंडी-लोहारी में मौसम का पहला हिमपात होने से लोगों के चेहरे खिल उठे।
ग्रामीणों ने बुधवार सुबह से जारी बर्फबारी का मजा लिया। इसके अलावा मुंडाली, खंडबा, देववन, जाडी व मिडांल समेत आसपास क्षेत्र में बर्फबारी होने से क्षेत्र में ठंडक बढ़ गई है। शीतलहर की वजह से लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।