रायबरेली। गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण कटरी क्षेत्र के 12 गांव न सिर्फ पानी से घिर गए हैं, बल्कि कुछ गांवों के अंदर पानी घुस भी गया है। हालात यह हैं कि लोगों की जान जोखिम में आ गई है। प्रशासन की आरे से नाव न मिलने के कारण लोगों को वाहनों के ट्यूब के जरिए आवागमन करना पड़ रहा है। जैसे-जैसे जलस्तर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे लोगों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं। ग्रामीणों के अनुसार प्रशासन की तरफ से बाढ़ से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। नाव की सुविधा न होने के कारण ग्रामीण ट्यूब के जरिए आवागमन करने को मजबूर हैं। वहीं, धान, उड़द, तिल की 500 बीघा से ज्यादा फसलें पानी में डूब गईं हैं। गंगा नदी के जलस्तर का चेतावनी बिंदु 98.360 मीटर, जबकि खतरे का निशान बिंदु 99.360 मीटर है।
केंद्रीय जल आयोग डलमऊ के मुताबिक नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु को पार करते हुए 98.760 मीटर पर पहुंच गया है। गंगा नदी का पानी खतरे के निशान बिंदु की तरफ बढ़ रहा है। कटरी क्षेत्र के चक मलिक भीटी, जमालनगर मोहद्दीनपुर, जहांगीराबाद, अंबहा, बबुरा, पूरे रेवती सिंह गांवों में रहने वाले लोगों में दहशत है। उधर, एसडीएम डलमऊ अभिषेक वर्मा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया जा रहा है। बाढ़ से निपटने के इंतजाम किए गए हैं। यदि समस्या होती है तो लोगों को बाढ़ चौकियों में पहुंचा दिया जाएगा।
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किसी का घर डूबा तो किसी की फसल
नया पुरवा की रहने वाली सुखमती कहती हैं कि पानी में धान की फसल डूब गई है। चारों तरफ से पानी से घर घिर गया है। प्रशासन बाढ़ से निपटने के लिए कोई इंतजाम नहीं कर रहा है। जहांगीराबाद गांव निवासी अभिषेक तिवारी और पिंटू कहते हैं कि गंगा नदी के बढ़े जलस्तर से फसलें तबाह हो गईं हैं। हम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नया पुरवा गांव की रहने वाली सीता कहती हैं कि गांवों में पानी भर गया है। नाव नहीं लगाई गई है। ऐसे में लोग ट्यूब में हवा भरकर उसी के सहारे में आवागमन कर रहे हैं। पशुओं को चारे की व्यवस्था करने के लिए लोगों को जान जोखिम में डालनी पड़ रही है।
सरकारी बचाव कार्यों का सच ! दूर दूर नहीं दिखाई दे रहे राजस्व कर्मी
बाढ़ चौकियों में टेंट नहीं, सिर्फ टांग दिया बैनर। पूरे गौतमन प्राथमिक स्कूल, मोहल्ला चौहट्टा स्थित जूनियर हाईस्कूल और शेरेनदाजपुर, कनहा में बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, ताकि लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखा जा सके। बाढ़ चौकियों में एक तखत रखने के साथ बैनर टांग दिया गया है। टेंट तक की व्यवस्था नहीं की गई है। साफ-सफाई तक नहीं है। दूर दूर राजस्व कर्मी भी नहीं दिखाई दे रहे हैं।