लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सवा करोड़ रुपये से अधिक बकाए वेतन का भुगतान न करने पर डायरेक्टर बेसिक शिक्षा, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उप्र, व प्रमुख सचिव वित्त उप्र लखनऊ को निर्देश दिया है कि 30 सितम्बर तक याची के बकाये पूरे वेतन का भुगतान कर अनुपालन हलफनामा दाखिल करें अथवा अवमानना आरोप निर्मित किए जाने के लिए कोर्ट में तीन अक्टूबर को हाजिर हों।
यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने लक्ष्मी प्रसाद कुशवाहा की अवमानना याचिका पर दिया है। हाईकोर्ट ने अप्रैल 09 मे तीन माह के भीतर याची के बकाये वेतन का भुगतान करने का आदेश दिया था। जिसका पालन न करने पर यह अवमानना याचिका 2009 से विचाराधीन है।
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कोर्ट के पिछले आदेश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया व वित्त नियंत्रक बेसिक शिक्षा मुख्यालय प्रयागराज ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया और बताया कि याची का व्याज सहित कुल 1 करोड़ 25 लाख 92 हजार 90 रूपये बकाया है। हलफनामे से स्पष्ट है कि 88 लाख रूपए से अधिक ब्याज ही बकाया हो गया है। जिसका भुगतान लोक निधि से किया जायेगा। कोर्ट ने टिप्पणी की कि अधिकारियो की लापरवाही के कारण ब्याज का भुगतान करने में टैक्स पेयर का धन खर्च होगा। इस पर कोर्ट ने तीनों शीर्ष अधिकारियों को आदेश का पालन करने या आरोप निर्मित होने के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है।