लखनऊ। उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ई-वीकल) को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य के प्रमुख एक्सप्रेसवे और हाइवे के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी ई-चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछाया जाएगा। सरकार की इस पहल का उद्देश्य ई-वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करना और लंबी दूरी की यात्रा को सुविधाजनक बनाना है।
यूपी रेव को मिला जिम्मा
इस योजना को साकार करने के लिए यूपी रिन्यूएबल एंड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (यूपी रेव) को नोडल एजेंसी बनाया गया है। यूपी रेव, जिसे बिजली विभाग के तहत गठित किया गया है, राज्य में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और रखरखाव का कार्य करेगी। यूपीनेडा के प्रबंध निदेशक एचडी अनुपम शुक्ला को इसका नेतृत्व सौंपा गया है।
एक्सप्रेसवे और हाइवे पर चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण
राज्य सरकार की योजना के अनुसार, नेशनल हाईवे, एक्सप्रेसवे और शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के किनारे चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण होगा। इस पहल के तहत फ्रेंचाइजी के माध्यम से भी चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित किया जाएगा। यूपी रेव, परिवहन विभाग, नेशनल हाईवे अथॉरिटी, और यूपीडा के साथ मिलकर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित कर रहा है, ताकि चार्जिंग स्टेशन बनाने में कोई दिक्कत न हो।
एक महीने में रिपोर्ट
सूत्रों के मुताबिक, एक महीने के भीतर चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण से संबंधित विस्तृत कार्ययोजना राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। इस योजना पर अमल करने के लिए चार एक्सप्रेसवे पर पहले से ही काम शुरू कर दिया गया है।
ई-वाहनों की संख्या में वृद्धि का अनुमान
उत्तर प्रदेश में ई-वाहनों की बढ़ती संख्या के चलते चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करना आवश्यक हो गया है। इसके लिए यूपी रेव द्वारा प्रदेश की वर्तमान स्थिति का अध्ययन किया जा रहा है, ताकि वाहनों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए चार्जिंग स्टेशनों का सही तरीके से विकास किया जा सके।
सरकार की पहल
इस योजना के जरिए योगी सरकार पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रही है। इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी।
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