उपभोक्ता परिषद की मांग के बाद बिजली कंपनियों ने लिया फैसल
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों ने स्मार्ट मीटर लगाने वाली कंपनियों को निर्देश दिया है कि उपभोक्ताओं के पुराने मीटरों की रीडिंग का स्मार्ट मीटर से मिलान किया जाए। यह फैसला उपभोक्ता परिषद की मांग पर लिया गया है, ताकि स्मार्ट मीटर की सटीकता और स्पीड की जांच की जा सके।
बिजली कंपनियों का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाया जा सके कि नए स्मार्ट मीटर सही तरीके से काम कर रहे हैं और पुराने मीटरों के मुकाबले इनकी रीडिंग में कोई अनियमितता नहीं है।
ऊर्जा मंत्रालय का निर्देश
भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने सभी बिजली कंपनियों को निर्देश दिए थे कि स्मार्ट मीटर की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए पुराने मीटर से उनकी तुलना की जाए। इस प्रक्रिया से यह स्पष्ट होगा कि कहीं स्मार्ट मीटर तेज गति से तो रीडिंग नहीं ले रहे हैं और उपभोक्ताओं को अनावश्यक बिलिंग का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है।
उपभोक्ता परिषद की मांग
उपभोक्ता परिषद ने इस मामले को उठाया था, जिसमें उन्होंने कहा कि कई उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर लगने के बाद अचानक बढ़े हुए बिजली बिलों की शिकायत की है। इसी के बाद यह निर्णय लिया गया कि पुराने मीटरों से तुलना की जाएगी।
स्मार्ट मीटर पर भरोसा बढ़ाने की कोशिश
बिजली कंपनियों का कहना है कि इस कदम से स्मार्ट मीटर पर उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ेगा और शिकायतों में कमी आएगी।
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