लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी मामले की फाइल कार्यालय में तीन दिन से अधिक नहीं रुकनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है, तो संबंधित अधिकारी DGP कार्यालय, गृह विभाग या सीधे उनसे मिलने का समय ले सकते हैं।
सीएम योगी ने यह निर्देश नागरिकों की शिकायतों के त्वरित समाधान को सुनिश्चित करने के लिए दिया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यालय में सिटिजन चार्टर को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए, ताकि आम लोगों की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर किसी कारण से कार्य में देरी होती है, तो उसकी जवाबदेही तय की जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह सुनिश्चित करें कि नागरिकों के मुद्दों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, ताकि सरकारी सेवाएं अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बन सकें।
सीएम योगी का यह कदम प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार लाने और नागरिकों के प्रति सरकारी सेवाओं की जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। इससे न केवल सरकारी कार्यों में तेजी आएगी, बल्कि जनता का विश्वास भी प्रशासन पर मजबूत होगा।