लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का हर कार्य नकारात्मकता का प्रतीक है और यह पार्टी स्वतंत्रता सेनानियों और सामाजिक न्याय के रास्तों को बाधित कर रही है।
अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में कहा कि पिछले साल की तरह इस बार भी भाजपा ने उनके निजी आवास के आसपास बैरिकेडिंग कर दी है, ताकि वे ‘जय प्रकाश नारायण जी’ की जयंती पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण न कर सकें। उन्होंने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि:
- भाजपा ने PDA के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सौहार्द के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने अमन-चैन के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने संविधान के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने आरक्षण के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने किसानों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने नारी-सम्मान के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने युवा-विकास के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सच्चे मीडिया के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने नौकरी के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने कारोबार के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने पेंशन के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने शिक्षामित्रों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने शिक्षक भर्ती के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने आशा-आंगनबाड़ी के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने ‘यश भारती’ के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने कलाकर्मियों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सच्चे खिलाड़ियों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सामाजिक न्याय के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने समता-समानता के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने हक़ माँगनेवालों के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने ख़ुशहाली के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने तरक़्क़ी के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने सुनहरे भविष्य के रास्ते रोके हैं
- भाजपा ने स्वतंत्रता के रास्ते रोके हैं
अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि भाजपा के ऐसे कार्य दिखाते हैं कि वे स्वतंत्रता-सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के खिलाफ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ सहानुभूति दिखाई है और उनके रास्ते रोकने का काम किया है।
अखिलेश यादव के अनुसार, भाजपा ने किसानों, युवाओं, महिलाओं, और कलाकर्मियों के विकास के रास्ते भी रोके हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि समाजवादी पार्टी का जनता के मुद्दों पर ध्यान है और वे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।
उन्होंने अंत में कहा, “जन-जन कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!” यह नारा उनकी पार्टी की बढ़ती निराशा और भाजपा के खिलाफ लोगों में बढ़ती असंतोष का प्रतीक बन गया है।
अखिलेश यादव के इस हमले से यह स्पष्ट होता है कि आगामी चुनावों में भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच संघर्ष और भी गहरा हो सकता है। समाजवादी पार्टी ने भाजपा की नीतियों पर सवाल उठाते हुए अपने समर्थकों को एकजुट करने का प्रयास किया है। – भाजपा ने श्रद्धांजलि के रास्ते रोके हैं