सोनभद्र : सोनभद्र जिले में जल जीवन मिशन के तहत धंधरौल बांध पर तैरता इंटेक वेल एक नई पहचान बनकर उभरा है। यह परियोजना 205 गांवों के 23,779 ग्रामीण परिवारों को नल से स्वच्छ पेयजल प्रदान करेगी, जिससे 1 लाख 30 हजार से अधिक लोग लाभान्वित होंगे।
जल संकट का समाधान
सोन नदी के किनारे स्थित यह इंटेक, फ्लोटर की मदद से बांध में तैरते हुए रॉ-वाटर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचेगा। इससे ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल मिल सकेगा। पहले, भूजल स्तर गिरने और पानी की गुणवत्ता पर सवाल उठने के कारण ग्रामीण नदी पर निर्भर थे, जिससे जल जनित बीमारियों का खतरा बना रहता था।
जल जीवन मिशन की सफलता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना ने यहां की जल संकट को काफी हद तक कम किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पानी की उपलब्धता बढ़ने से बीमारियों में कमी आई है और ग्रामीणों का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है।
चुनौतियों का सामना
सोनभद्र का क्षेत्र पहाड़ी और पथरीला होने के कारण पारंपरिक इंटेकवेल का निर्माण कठिन था। इसके समाधान के लिए फ्लोटिंग इंटेक सिस्टम को अपनाया गया, जो जल स्तर के परिवर्तन के साथ तैरता रहता है और लागत में भी कमी लाता है।
फ्लोटिंग इंटेक की विशेषताएं
- स्थानांतरण की सुविधा: यह सिस्टम जल की सतह पर तैरता रहता है, जिससे इसे आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है।
- कम लागत: फ्लोटिंग इंटेक के निर्माण और रखरखाव की लागत पारंपरिक इंटेकवेल से कम होती है।
- जल गुणवत्ता: जल की मात्रा में बदलाव होने पर भी आहरीत जल की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता ।
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इस योजना से सोनभद्र जिले के ग्रामीणों को न केवल स्वच्छ पेयजल मिलेगा, बल्कि यह स्वास्थ्य में सुधार और जीवनस्तर में वृद्धि का भी कारण बनेगा। जल जीवन मिशन के तहत यह अनूठी पहल एक मिसाल पेश करती है कि कैसे नई तकनीक का उपयोग कर जल संकट को दूर किया जा सकता है।