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बैठक करते दुग्ध मंत्री

दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएँ, जानें…

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को 3.5 लाख किलोग्राम प्रतिदिन तक बढ़ाया जाए और तरल दुग्ध की बिक्री को 2 लाख लीटर प्रतिदिन करने के प्रयास किए जाएं।

उद्देश्य और लक्ष्य

  • दुग्ध संघों की क्षमता: प्रत्येक दुग्ध संघ को कम से कम 5 मिल्क बूथ बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ ही, डेयरी प्लांट की क्षमता उपयोगिता को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • शुद्ध दूध की उपलब्धता: मंत्री ने कहा कि दुग्ध विकास विभाग का प्राथमिक लक्ष्य प्रदेश की जनता को शुद्ध दूध उपलब्ध कराना है।

किसानों और पशुपालकों के भुगतान

  • नियमित भुगतान: दुग्ध उत्पादन से जुड़े किसानों और पशुपालकों को उनके दुग्ध मूल्य का नियमित रूप से भुगतान कराना मंत्री की प्राथमिकता है।
  • बंद समितियों का पुन संचालन : बंद पड़ी दुग्ध समितियों को फिर से चालू करने और वर्तमान में संचालित समितियों को किसी भी कारण से बंद न करने पर जोर दिया गया है।

पुरस्कार वितरण

दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने “नन्द बाबा” और “गोकुल पुरस्कार” के लाभार्थियों की चयन सूची तैयार करने के लिए शीघ्र कार्यवाही करने का निर्देश दिया, ताकि उन्हें समय पर पुरस्कृत किया जा सके।

डेयरी प्लांट का संचालन

दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने कानपुर, गोरखपुर, और कन्नौज के डेयरी प्लांट के संचालन के संबंध में प्रगति की समीक्षा की और सभी औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

नई समितियों का गठन

प्रदेश में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए नई समितियों के गठन और पुनर्गठन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए एक सुदृढ़ कार्ययोजना बनाई जाएगी।

बकाया भुगतान की प्रक्रिया

किसानों और पशुपालकों को उनके दुग्ध मूल्य का भुगतान निर्धारित समयावधि में किया जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया। बकाया धनराशि का भी भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा।

बैठक की उपस्थिति

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बैठक में प्रमुख सचिव के. रवीन्द्र नायक, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्रा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने मंत्री जी को आश्वस्त किया कि दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा और जिन दुग्ध संघों में भुगतान में देरी हो रही है, उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इन सभी प्रयासों के माध्यम से दुग्ध विकास मंत्री ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने और किसानों के कल्याण के लिए एक ठोस कार्ययोजना का खाका तैयार किया है, जिससे न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि प्रदेश की दुग्ध उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।

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