उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजभवन के नव निर्माण पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने आशा जताई कि इस निर्माण का नक्शा सभी मानकों के अनुरूप पहले ही पास करवा लिया गया होगा, जिससे निर्माण कार्य बिना किसी कानूनी अड़चन के शुरू किया जा सके।
Read it Also :- http://पीजीआई में हुई रेल प्रतियोगिता, जानें क्यों ?
अखिलेश यादव ने सुझाव दिया कि जब तक राजभवन का निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक लखनऊ विकास प्राधिकरण या अन्य संबंधित विभाग इस बदलाव का नक्शा जनता के दर्शानार्थ प्रदर्शित करें। उनका मानना है कि इससे जनता को यह प्रेरणा मिलेगी कि हर निर्माण वैध और पारदर्शी होना चाहिए। यह कदम जनता के प्रति प्रशासन की जिम्मेदारी और जवाबदेही को दर्शाएगा।
इसके साथ ही, अखिलेश यादव ने वर्तमान सरकार को एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की औपनिवेशिक मानसिकता वाले ‘राज’ शब्द के स्थान पर ‘सेवा’ शब्द का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि ‘राजभवन’ की जगह ‘सेवा-भवन’ रखा जाए, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि सरकार का मुख्य उद्देश्य जनता की सेवा करना है।
अखिलेश यादव का यह बयान न केवल राजभवन के निर्माण को लेकर है, बल्कि यह सरकार की नीति और दिशा पर भी सवाल उठाता है। उनकी अपील यह दर्शाती है कि लोकतंत्र में हर निर्माण और बदलाव का मकसद जनहित होना चाहिए। इससे यह भी साफ है कि प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना आवश्यक है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal