खटीमा (चंपावत) में सोमवार को एक गंभीर घटना सामने आई, जब देहरादून से टनकपुर जा रही एक्सप्रेस ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश की गई। शातिर अपराधियों ने अमाऊं क्षेत्र में रेलवे पटरी पर एक आठ फुट लंबी अंडर ग्राउंड बिजली के केबल को रखा था, लेकिन लोको पायलट की सतर्कता ने एक बड़ा हादसा टाल दिया।
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सोमवार तड़के करीब तीन बजकर 25 मिनट पर ट्रेन खटीमा रेलवे स्टेशन से टनकपुर के लिए रवाना हुई। ट्रेन जब खटीमा रेलवे स्टेशन से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर अमाऊं क्षेत्र में पहुंची, तो लोको पायलट ने पटरी पर किसी वस्तु को पड़ा हुआ देखा। तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया गया। जब लोको पायलट ने जांच की, तो वह एक भारी बिजली का केबल था, जिसे उसने अपनी टीम के साथ कब्जे में ले लिया।
इस घटना के कारण यात्रियों में अफरातफरी मच गई। ट्रेन करीब 15 मिनट तक वहीं खड़ी रही, जिसके बाद पुलिस, आरपीएफ और अन्य जांच एजेंसियां मौके पर पहुंचीं। दिनभर जांच चलती रही, लेकिन इस मामले में कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
कोतवाल मनोहर सिंह दसौनी ने बताया कि आरपीएफ की ओर से तहरीर मिलने के बाद रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। ऊर्जा निगम के एसडीओ अंबिका यादव ने कहा कि बरामद केबल पुराना मालूम पड़ता है और इसकी किसी भी नई बिछाने का कार्य खटीमा में नहीं चल रहा है।
इस घटना को लेकर स्थानीय निवासियों ने आशंका जताई है कि शायद रेलवे ट्रैक पर केबल रखने में नशेड़ियों का हाथ हो सकता है। खटीमा रेलवे स्टेशन के निकट तिलक नगर से लेकर अमाऊं क्षेत्र तक नशेड़ियों का आतंक बढ़ रहा है, और कई बार खुलेआम कच्ची शराब बेची जा रही है।
भाजपा कार्यकर्ताओं ने घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचकर पुलिस से जल्द कार्रवाई की मांग की। उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच करके जल्द से जल्द स्थिति स्पष्ट की जाए कि आखिर किसने यह साजिश की।
दिलचस्प बात यह है कि घटना के समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खटीमा में ही मौजूद थे। उन्होंने सोमवार सुबह लोहियाहेड कैंप कार्यालय में जनता की समस्याएं सुनीं और फिर देहरादून रवाना हो गए।
यह घटना न केवल रेलवे सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे सतर्कता और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता किसी बड़ी दुर्घटना को टाल सकती है। स्थानीय प्रशासन को अब इस साजिश की तह तक पहुंचना आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसे खतरनाक प्रयासों को रोका जा सके।