गोरखपुर : उत्तर भारत की पहली फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी की स्थापना की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल ही में की गई घोषणा के अनुसार, यह विश्वविद्यालय दुनिया के पहले जटायु संरक्षण केंद्र के पास स्थापित किया जाएगा। इसके लिए गोरखपुर वन प्रभाग ने 50 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर ली है।
जटायु संरक्षण केंद्र का उद्घाटन 6 सितंबर को मुख्यमंत्री के हाथों हुआ, जहां उन्होंने वानिकी महाविद्यालय की स्थापना की योजना की घोषणा की थी। बाद में, अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने इसे एक फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी में बदलने का सुझाव दिया।
गोरखपुर वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव ने बताया कि यूनिवर्सिटी में वानिकी के अलावा कृषि वानिकी और सामाजिक वानिकी के डिग्री और डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी चलाए जाएंगे।
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यह विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे उत्तर भारत का पहला फॉरेस्ट्री यूनिवर्सिटी होगा और देश का दूसरा व पूरी दुनिया का चौथा वानिकी विश्वविद्यालय होगा।इस पहल से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और वानिकी के क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा।