राजगढ़, मिर्जापुर। राजगढ़ क्षेत्र की सड़कों की स्थिति गंभीर रूप से deteriorated हो चुकी है। सिंचाई विभाग के जेई ने इस समस्या की अनदेखी की है। जब ठेकेदार सड़कों को क्षतिग्रस्त कर रहा था, तब ग्रामीणों ने विरोध किया, लेकिन अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया।
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धनसीरिया ग्राम पंचायत के नौडिहवा में नहर का निर्माण हो रहा था, जिसमें पोकलैंड और जेसीबी द्वारा सड़कें पूरी तरह से काट दी गईं। इसके कारण आवागमन बाधित हो गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनाई गई सड़कें भी इस ठेकेदार के हाथों बर्बाद हो गई हैं। ठेकेदार ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया था कि वे सड़क का पुनर्निर्माण करेंगे, लेकिन नहर का निर्माण पूरा होने के बाद से ठेकेदार का कहीं कोई पता नहीं है।
सड़कें लगभग 1 महीने से unusable हो चुकी हैं, जिससे हजारों लोग प्रभावित हो रहे हैं। मीरजापुर-सोनभद्र हाईवे के निकट बिसुनपुरा गांव की सड़कें भी खस्ताहाल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 12 वर्षों में सड़कें नहीं बनाई गई हैं, और बरसात के दौरान उनकी स्थिति और भी खराब हो जाती है।
इस क्षेत्र में कोई भी जनप्रतिनिधि इस समस्या का समाधान करने में रुचि नहीं दिखा रहा है। स्कूल जाने वाले बच्चे, बुजुर्ग और व्यापारी सभी इन गड्ढों से भरी सड़कों पर चलने को मजबूर हैं। विशेष धार्मिक अवसरों पर आने वाले भक्त भी इस समस्या से प्रभावित हो रहे हैं।
सिंचाई विभाग के जेई दिनेश कुमार से जब इस संबंध में बात की गई, तो उन्होंने कहा कि “यह हमारा क्षेत्र नहीं है,” जिससे साफ है कि प्रशासनिक स्तर पर भी अनदेखी हो रही है।
राजगढ़ क्षेत्र में सड़कों की यह दुर्दशा न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि विकास के लिए भी एक गंभीर चुनौती है। ठेकेदारों की लापरवाही और प्रशासन की अनदेखी के कारण क्षेत्र के विकास की राह में बाधाएं आ रही हैं।
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