“लखनऊ में होटल मालिकों और नगर निगम के बीच हाउस टैक्स में पांच गुना वृद्धि को लेकर टकराव। होटल संचालकों ने मेयर पर आरोप लगाया कि नगर निगम के अधिकारी खुलेआम वसूली कर रहे हैं। जानें पूरी खबर।”
लखनऊ। गुरुवार को लखनऊ नगर निगम कार्यालय में हाउस टैक्स से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए कैंप आयोजित किया गया। इस कैंप में होटल कारोबारियों और नगर निगम अधिकारियों के बीच तीखी बहस हुई। होटल कारोबारियों का आरोप है कि टैक्स अधिकारियों ने हाउस टैक्स को गलत तरीके से बढ़ाकर वसूली कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि टैक्स में पाँच गुना वृद्धि से उनके कारोबार पर बुरा असर पड़ रहा है और वे कोर्ट में न्याय की मांग करेंगे।
कारोबारियों का आक्रोश:
लखनऊ होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार, छोटे-बड़े होटलों पर एक समान दर से पाँच गुना हाउस टैक्स बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने मार्च 2024 तक टैक्स जमा कर दिया था, उन पर भी लाखों रुपये का टैक्स थोप दिया गया है। शर्मा ने आरोप लगाया कि नगर निगम के टैक्स अधिकारी होटल मालिकों से खुलेआम रिश्वत की मांग कर रहे हैं और मनमाने ढंग से टैक्स वसूली की जा रही है।
मेयर का जवाब:
मेयर सुषमा खर्कवाल ने होटल संचालकों के आरोपों का खंडन किया और कहा कि यह निर्णय सरकार का है और व्यापारी कोर्ट में जाने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि होटल कारोबारियों ने पहले टैक्स भरने का वादा किया था लेकिन अब राजनीति कर रहे हैं।
व्यापारियों का तर्क:
व्यापारी वर्ग ने यह भी कहा कि होटल टैक्स को लेकर नगर निगम का कोई मानक नहीं है। छोटे और बजट होटलों पर भी पाँच से छह गुना टैक्स लगाया जा रहा है, जबकि नगर निगम की बुकलेट में स्टार होटलों पर ही अधिक टैक्स लागू किया गया है।
स्थानीय निवासियों की समस्याएँ:
पवन कुमार नामक एक स्थानीय निवासी ने बताया कि उनके मकान को भी व्यावसायिक टैक्स में बदल दिया गया है। 2014 में उनके मकान पर टैक्स लगभग 1 लाख रुपये था, जो अब बढ़कर 5 लाख रुपये हो गया है। पवन कुमार ने इस मामले में PIL दाखिल की है और कहा है कि नगर निगम अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिल रहा।
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