बलिया:कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बलिया जिले के प्रसिद्ध शिवरामपुर घाट पर एक भव्य और दिव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मां गंगा की महाआरती के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जो श्रद्धालुओं के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हुए। इस आयोजन ने न केवल धार्मिक आस्थाओं को प्रगाढ़ किया बल्कि क्षेत्रीय इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर किया।
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काशी के विद्वानों द्वारा मां गंगा की महाआरती
मां गंगा के तट पर काशी से आए विद्वानों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत गंगा पूजन कराया। इस पूजन के दौरान बलिया के कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी श्रद्धापूर्वक भाग लिया। गोरखपुर के प्रांत प्रचारक रमेश जी, जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार, पुलिस अधीक्षक विक्रांत वीर, नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष संत कुमार मिठाई लाल गुप्ता सहित अन्य प्रमुख अधिकारियों ने इस पूजा में हिस्सा लिया। काशी के विद्वानों द्वारा मां गंगा की महाआरती ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
लेजर शो और थीम गीत ने बढ़ाया आकर्षण
कार्यक्रम में एक नया और आकर्षक पहलू था, जो था लेजर शो। यह आयोजन इस प्रकार का पहला लेजर शो था, जो गंगा तट पर प्रदर्शित किया गया। ददरी मेला-2024 का थीम गीत, जिसे विमल बावरा ने लिखा और प्रणव सिंह ‘कान्हा’ ने गाया, इस शो के माध्यम से दर्शाया गया। इस गीत ने बलिया के ऐतिहासिक और क्रांतिकारी इतिहास से श्रद्धालुओं को परिचित कराया। इसके अलावा, भृगु क्षेत्र के नाम से एक सेल्फी प्वाइंट भी स्थापित किया गया, जहां लोग इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनने और यादगार तस्वीरें खिंचवाने के लिए उमड़े।
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श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा का खास ध्यान रखा गया था। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की देखरेख में प्रशासन ने शिवरामपुर घाट पर विभिन्न व्यवस्था की थी। घाट पर श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए दो विशेष पंडाल बनाए गए—एक महिलाओं के लिए और दूसरा पुरुषों के लिए। इसके अलावा, राहत कैंप, पुलिस कैंप, चिकित्सा कैंप, और खोया-पाया केंद्र भी स्थापित किए गए थे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, घाट पर 20 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे और एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट मोड पर तैनात की गई थीं। गंगा नदी में सुरक्षा के लिए बैरिकेडिंग भी की गई थी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में झूमे श्रद्धालु
कार्यक्रम के सांस्कृतिक पक्ष में भजन गायिका स्वाति मिश्रा और कन्हैया मित्तल ने अपने भक्ति गीतों से श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। स्वाति मिश्रा ने ‘निमिया के डाल मइया’ से कार्यक्रम की शुरुआत की, और इसके बाद उन्होंने कई प्रसिद्ध भक्ति गीत प्रस्तुत किए। स्वाति का भजन ‘राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी’ विशेष रूप से श्रद्धालुओं में गहरी श्रद्धा और भक्ति का संचार करने वाला था। कन्हैया मित्तल ने भी ‘जो राम को लाए हैं’ और बजरंगबली के भजनों से माहौल को भक्ति से भर दिया।
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परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह का सहभाग
इस कार्यक्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने भी भाग लिया और देर रात तक श्रद्धालुओं के बीच रहकर भजन-भक्ति गीतों का आनंद लिया। उन्होंने कहा कि यह दिन हम सबके लिए आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है और बलिया के गंगा तट की महत्ता को देखते हुए ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन हर साल और भी भव्य रूप से किया जाना चाहिए। मंत्री के नेतृत्व में आयोजित सेवा शिविर में श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद के रूप में भोजन की व्यवस्था की गई थी, जिसमें लाखों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
समाप्ति पर भक्तों ने पुण्य की डुबकी लगाई
कार्यक्रम के समापन के बाद, श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान करके पुण्य की डुबकी लगाई। अनुमान के अनुसार, इस दिन पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई।
कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित यह भव्य और दिव्य कार्यक्रम ने न केवल धार्मिक आस्थाओं को प्रगाढ़ किया, बल्कि क्षेत्रीय सांस्कृतिक धरोहर को भी लोगों के सामने प्रस्तुत किया। यह आयोजन श्रद्धालुओं के बीच एकता, श्रद्धा और आस्था की एक मजबूत बुनियाद रख गया।