गोंडा (उत्तर प्रदेश): भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने हाल ही में अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बजरंग पूनिया को लेकर भी सवाल उठाए और कांग्रेस पार्टी के बारे में भविष्यवाणी की। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि भारतीय कुश्ती अब एक बुरे दौर से गुजर रही है और इसे खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं।
कुश्ती के भविष्य को लेकर गंभीर चिंता
बृजभूषण शरण सिंह ने दिल्ली में धरना देने वाले पहलवानों पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जब ये पहलवान धरना दे रहे थे, तो उनका कहना था कि वे कुश्ती को बचाने के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन अब वे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कुश्ती को रोकने की मांग कर रहे हैं। उनका साफ कहना था कि इस तरह की गतिविधियाँ देश की कुश्ती को बर्बाद कर रही हैं और ये पहलवान अब अपने ही खेल के लिए खतरे की घंटी बन गए हैं।
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बजरंग पूनिया पर आरोप
बृजभूषण ने बजरंग पूनिया पर भी गंभीर आरोप लगाए, जिनकी दिल्ली हाईकोर्ट में भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ याचिका थी। बृजभूषण का कहना था कि बजरंग पूनिया अब कांग्रेस के नेता बन गए हैं और कुश्ती की दुनिया में उनका व्यवहार और कदम इस खेल के लिए नुकसानदेह हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन पहलवानों के कारण कुश्ती में भाग लेने वाले युवाओं के लिए अवसर कम हो रहे हैं और वे अपनी मेहनत के फल को नहीं पा रहे हैं।
कांग्रेस के लिए भविष्यवाणी
पूर्व सांसद ने कांग्रेस को भी चेतावनी दी। उनका कहना था कि कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा क्योंकि वह ऐसे लोगों को अपना समर्थन दे रहे हैं जो कुश्ती को खत्म करने में लगे हैं। बृजभूषण ने यह भी कहा कि इस स्थिति से कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति और खराब हो सकती है।
नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप पर रोक की बात
साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादयान द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका का जिक्र करते हुए बृजभूषण ने बताया कि इस याचिका के जरिए कुश्ती के आयोजनों पर रोक लगाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस मामले में नेशनल चैंपियनशिप के आयोजन पर रोक नहीं लगाई है और सुनवाई के लिए तारीख तय की है। उन्होंने कहा कि नेशनल चैंपियनशिप में भाग लेने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र मिलते हैं, जो उनके लिए नौकरी में सहायक होते हैं।
कुश्ती कैंप का आयोजन जरूरी
बृजभूषण ने कुश्ती के कैंप के आयोजन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि लखनऊ में कैंप नहीं हो सकता, तो उसे महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, और राजस्थान में आयोजित किया जाए, ताकि नई पीढ़ी को कुश्ती में अपना भविष्य बनाने का मौका मिले। उनका कहना था कि कैंप नहीं चलने से नए पहलवानों के लिए अवसर नहीं मिल रहे, जो देश के लिए नुकसानदेह है।
बृजभूषण शरण सिंह के बयान ने कुश्ती के माहौल में एक नई बहस छेड़ दी है। उनका आरोप है कि कुछ पहलवानों और कांग्रेस के नेताओं की गतिविधियों से भारतीय कुश्ती को नुकसान हो रहा है। उनका कहना है कि कांग्रेस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा और देश की कुश्ती को बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।