“उत्तर प्रदेश में वक्फ संपत्ति पंजीकरण अब जांच के बाद ही होगा। मुतवल्लियों की न्यूनतम आयु 25 वर्ष तय की गई और भाषा योग्यता भी अनिवार्य होगी।”
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और देखरेख में सख्ती बरतते हुए नए नियम लागू किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन को मंजूरी दी गई।
अब शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में किसी भी भू-संपत्ति को पंजीकृत करने से पहले उसकी जांच अनिवार्य होगी। संबंधित प्रार्थना पत्र एसडीएम को भेजा जाएगा, जो संपत्ति की वैधता सुनिश्चित करेंगे। जांच में यह देखा जाएगा कि संपत्ति सरकारी, विवादित या अवैध तो नहीं है। एसडीएम द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के बाद ही संपत्ति वक्फ बोर्ड में दर्ज होगी।
इसके अलावा, मुतवल्ली बनने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष तय की गई है। मुतवल्ली को हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू का ज्ञान होना आवश्यक होगा। यह कदम वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन और अवैध कब्जों को रोकने के लिए उठाया गया है।