“संविधान दिवस पर अखिलेश यादव ने संविधान को संजीवनी बताते हुए भाजपा पर संवैधानिक मूल्यों की अनदेखी का आरोप लगाया। संभल हिंसा और उपचुनाव में गड़बड़ी को लेकर सरकार पर गंभीर सवाल उठाए।”
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संविधान दिवस के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने संविधान को “संजीवनी” और पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) का “प्रकाश स्तम्भ” करार दिया।
भाजपा पर संविधान विरोधी होने का आरोप
श्री यादव ने भाजपा पर संविधान का सम्मान न करने और “मनविधान” से चलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान को कोरा कागज समझती है और संवैधानिक मूल्यों की अवहेलना करती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के दौरान पुलिस और प्रशासन के माध्यम से मतदाताओं को डराया और धमकाया गया। महिलाओं को असलहों के बल पर मतदान से रोका गया।
संभल की घटना पर भाजपा सरकार पर निशाना
श्री यादव ने संभल में हुई हिंसा को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह घटना भाजपा सरकार की सुनियोजित साजिश का नतीजा है। पुलिस ने लोगों को धमकाया, गालियां दीं और फायरिंग की, जिसके कारण युवाओं की मौत हुई। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल पीड़ितों से मिलने के लिए जाना चाहता था, लेकिन सरकार ने उसे रोक दिया।
समाजवादी पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि वह खुद संभल जाएंगे और पीड़ित परिवारों की मदद करेंगे। उन्होंने भाजपा सरकार पर पुलिस की ज्यादतियों को बढ़ावा देने और झूठे मुकदमे दर्ज कराने का भी आरोप लगाया। उन्होंने मांग की कि गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए।
संविधान को बचाने का संकल्प
यादव ने समाजवादी पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सच्चे समाजवादी ही संवैधानिक मूल्यों को मानते और उनका पालन करते हैं। उन्होंने संविधान को बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों का प्रतीक बताया और उनके बताए रास्ते पर चलने का आह्वान किया।
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मनोज शुक्ल