“मिर्जापुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आयोजित विवाह समारोह में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने भद्दा मजाक किया। बिना आशीर्वाद के विवाह संपन्न हुआ, लाभार्थियों ने राहत की मांग की।”
मिर्जापुर: मिर्जापुर जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आयोजित विवाह समारोह में आज अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने लाभार्थियों के साथ भद्दा मजाक किया। विवाह की शुरुआत होते ही अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने मंच छोड़ दिया और विवाह मंत्र को बीच में ही रोककर लाभार्थियों को सर्टिफिकेट थमा दिए, बिना किसी आशीर्वाद के।
बिना आशीर्वाद के विवाह संपन्न हुआ
सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान पंडित जी विवाह मंत्र पढ़ रहे थे, तभी बीच में जनप्रतिनिधियों ने भाषण देना शुरू किया, जिससे मंत्रों का वाचन रुक गया। बाद में जनप्रतिनिधियों ने कुछ लाभार्थियों को मंच पर बुलाकर उन्हें सर्टिफिकेट दिए और बिना किसी आशीर्वाद के मंच से गायब हो गए। अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की गैरमौजूदगी में पंडित जी ने विवाह संपन्न कराया।
लाभार्थियों का आरोप, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी
लाभार्थियों का आरोप है कि वे जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के आशीर्वाद का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई भी उनके पास नहीं आया। अंततः विवाह बिना किसी आशीर्वाद के संपन्न हुआ और लाभार्थी निराश होकर अपने घर लौट गए।
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272 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ, 292 जोड़ों की योजना थी
मिर्जापुर के राजकीय इंटरमीडिएट कॉलेज में समाज कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 272 जोड़ों की शादी कराई गई। इस समारोह में जिले के विभिन्न ब्लॉकों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायत के लाभार्थी शामिल थे।
अधिकारियों का जवाब
समाज कल्याण अधिकारी श्रीनेत्र सिंह ने इस मामले पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और पीडी दिलीप सोनकर से बात करने को कहा। वहीं, अन्य अधिकारियों ने इस घटना पर कोई प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए।