“पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों का दिल्ली कूच जारी। बैरिकेड तोड़े, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, 7 किसान घायल। जानिए प्रदर्शन की हर अपडेट।”
नई दिल्ली। पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों का दिल्ली मार्च तनावपूर्ण स्थिति में पहुंच गया। किसानों ने 9 महीने से चल रहे प्रदर्शन को लेकर दिल्ली कूच शुरू किया है। आज के प्रदर्शन में उन्होंने 2 बैरिकेड तोड़े और कंटीले तार उखाड़े। हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें 7 किसान घायल हो गए।
क्या है किसानों की मांग?
किसानों ने अपनी 13 प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, कर्जमाफी, और पेंशन का प्रावधान प्रमुख हैं। वे डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार कीमत तय करने की भी मांग कर रहे हैं।
हरियाणा सरकार का रुख
हरियाणा सरकार ने किसानों को दिल्ली मार्च की अनुमति नहीं दी है। गृह सचिव सुमिता मिश्रा ने अंबाला के 11 गांवों में इंटरनेट बंद करने के आदेश दिए हैं। खनौरी और शंभू बॉर्डर पर भारी सुरक्षा बल तैनात है।
किसानों की रणनीति
किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं। उन्होंने सरकार से बातचीत की मांग की और कहा कि यदि दिल्ली जाने की अनुमति नहीं दी गई, तो वे नई रणनीति बनाएंगे।
सुरक्षा के इंतजाम
खनौरी बॉर्डर: 13 पुलिस कंपनियां, CRPF और BSF की एक-एक कंपनी तैनात। 3 JCB, वाटर कैनन, और 3 वज्र वाहन तैनात।
शंभू बॉर्डर: तीन लेयर बैरिकेडिंग, सीमेंट की दीवार और 1,000 जवान तैनात।
किसान आंदोलन की मुख्य मांगें
- सभी फसलों के लिए MSP गारंटी कानून।
- किसानों और खेत मजदूरों की कर्जमाफी।
- किसान पेंशन योजना लागू की जाए।
- लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा।
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 रद्द किया जाए।
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