“प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में बांग्लादेश के हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर चिंता जताई। 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी की भूमिका को सलाम करते हुए सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की।”
नई दिल्ली: लोकसभा में विजय दिवस के अवसर पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार से दो अहम मुद्दों पर जवाबदेही की मांग की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार को इस मुद्दे पर बांग्लादेश के साथ वार्ता करनी चाहिए और उनके समर्थन में आवाज उठानी चाहिए।
प्रियंका गांधी ने कहा, “आज विजय दिवस है। सबसे पहले मैं 1971 के युद्ध में शहीद हुए वीर जवानों को नमन करती हूं। उस समय इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के रूप में जो साहस और नेतृत्व दिखाया, उसने भारत को जीत दिलाई। उस समय बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों पर दुनिया में कोई ध्यान नहीं दे रहा था। हमारी सरकार को भी अब उसी तरह की दृढ़ता दिखाने की जरूरत है।”
उन्होंने सेना मुख्यालय से 1971 युद्ध के दौरान भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी सेना के समर्पण की तस्वीर हटाए जाने पर नाराजगी जताई। प्रियंका ने इसे “इतिहास को मिटाने की कोशिश” बताया और कहा कि यह विजय दिवस के महत्व को कम करने जैसा है।
प्रियंका गांधी के इस बयान से संसद में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। उन्होंने इंदिरा गांधी की तुलना मौजूदा नेतृत्व से करते हुए कहा कि देश को आज भी वैसी ही हिम्मत और दूरदृष्टि की जरूरत है।
- विजय दिवस का महत्व:
- 16 दिसंबर 1971 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।
- 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था।
- यह दिन बांग्लादेश की आजादी के रूप में भी मनाया जाता है।
- प्रियंका गांधी का बयान:
- बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाना।
- 1971 युद्ध में इंदिरा गांधी के साहस और नेतृत्व की प्रशंसा।
- सेना मुख्यालय से तस्वीर हटाने पर विवाद:
- भारतीय सेना के इतिहास का सम्मान करना जरूरी है।
- तस्वीर हटाने के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाए।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल