लखनऊ और दिल्ली के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस अब लेट होने के मामले में नया रिकॉर्ड बना रही है। हाल ही में ट्रेन ने 13 घंटे की देरी के बाद वापसी की। हर्जाना नीति में बदलाव के बाद यात्रियों को अब कोई मुआवजा नहीं मिल रहा है, जिससे यात्री असंतुष्ट हैं।
लखनऊ से दिल्ली के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस 82501/82502 अब लेट होने के मामलों में नया रिकॉर्ड बना रही है। हाल ही में, शुक्रवार को यह ट्रेन लखनऊ से दिल्ली जाते समय करीब पांच घंटे की देरी से पहुंची थी। इसके बाद, वापसी में यह ट्रेन 13 घंटे की देरी से लखनऊ पहुंची। यह ट्रेन आमतौर पर रात 10:05 बजे लखनऊ पहुंचती है, लेकिन शुक्रवार की रात यह शनिवार की सुबह 11:24 बजे पहुंची। इस कारण शनिवार को इस ट्रेन को दोनों ओर से कैंसल करना पड़ा।
इस लेटलतीफी का मुख्य कारण उत्तर रेलवे क्षेत्र में ट्रेनों का अत्यधिक कंजेशन है। खासकर, जब तेजस एक्सप्रेस लखनऊ से निकलती है, तो राजधानी एक्सप्रेस को समय पर निकालने की मजबूरी होती है, जिससे तेजस को देरी का सामना करना पड़ता है। तेजस एक्सप्रेस की लेट होने की स्थिति अब आम हो चुकी है।
हालांकि, इससे पहले, इस ट्रेन के लेट होने पर यात्रियों को रेलवे द्वारा मुआवजा दिया जाता था, लेकिन हाल ही में रेलवे ने यह हर्जाना देने की नीति खत्म कर दी है। इससे यात्रियों में असंतोष फैल गया है। अब यात्रियों को इस लेट होने के बावजूद कोई मुआवजा नहीं मिलता।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनों के लिए बढ़ते यात्री दबाव और ट्रैक पर कंजेशन के कारण इन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद, तेजस एक्सप्रेस की देरी से यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है और इसकी व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता महसूस हो रही है।
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