महाकुम्भ के अवसर पर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने अपने सैकड़ों शिष्यों के साथ संगम में अमृत स्नान किया और इसे साधना, प्रेम और वर्षों की तपस्या का प्रतीक बताया। उन्होंने महाकुम्भ को सनातन धर्म का वैश्विक वैभव करार दिया।
महाकुम्भ नगर। मकर संक्रांति के दिन महाकुम्भ में निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने अपने शिष्यों के साथ संगम तट पर अमृत स्नान किया। स्वामी जी ने इस अवसर पर कहा कि “अमृत स्नान शब्दों से नहीं, बल्कि अनुभव से समझा जा सकता है। यह हमारे साधक जीवन का सबसे बड़ा पर्व है, जो हमारी वर्षों की तपस्या, साधना और प्रेम का परिणाम है।” उन्होंने गंगा के जल को अमृत समान बताया और कहा कि जब साधु-संत गंगा में डुबकी लगाते हैं, तो ऐसा लगता है कि सभी देवता उनके पास हैं।
स्वामी कैलाशानंद गिरी ने एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल को आध्यात्मिक नाम “कमला” दिया है। स्वामी जी ने बताया कि लॉरेन सनातन धर्म के प्रति गहरी जिज्ञासा रखती हैं और उनके सवालों के उत्तर से वे संतुष्ट और आह्लादित हैं। इस दौरान स्वामी जी ने महाकुम्भ को सनातन धर्म का वैश्विक वैभव बताते हुए कहा कि “यह आयोजन भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रभाव पूरी दुनिया तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।”
महाकुम्भ में स्वामी कैलाशानंद गिरी के नेतृत्व में यह समारोह एक अद्भुत संदेश देने वाला था, जहां लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान करने पहुंचे और सनातन धर्म के महत्व को महसूस किया। स्वामी जी ने मीडिया की भूमिका की सराहना की और कहा कि इससे सनातन धर्म का संदेश पूरी दुनिया तक पहुंच रहा है।
देश-दुनिया से जुड़े राजनीतिक और सामयिक घटनाक्रम की विस्तृत और सटीक जानकारी के लिए जुड़े रहें विश्ववार्ता के साथ। ताज़ा खबरों, चुनावी बयानबाज़ी और विशेष रिपोर्ट्स के लिए हमारे साथ बने रहें।