पेंशन को लेकर नो टेंशन—अब उत्तराखंड के पेंशनरों को पेंशन संबंधी समस्याओं के लिए परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पेंशनरों की शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने का निर्णय लिया है। यह कदम पेंशनरों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।
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उत्तराखंड में करीब डेढ़ लाख पेंशनर हैं, जो अक्सर पेंशन मिलने में देरी या अन्य तकनीकी समस्याओं का सामना करते रहे हैं। इन समस्याओं को समाप्त करने के लिए अब सरकार ने पेंशन को लेकर नो टेंशन अभियान के तहत ठोस योजना बनाई है।
इस योजना के तहत पेंशनरों को अब विभागों के चक्कर काटने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे अपनी शिकायतें सीधे ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर सकेंगे। पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के बाद उन्हें एक टोकन नंबर भी मिलेगा, जिससे वे अपनी शिकायत की स्थिति को कभी भी ट्रैक कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यह पोर्टल राज्य का आइटीडीए और वित्त विभाग मिलकर विकसित कर रहे हैं। इस पोर्टल के जरिए पेंशनरों की शिकायतें सीधे संबंधित विभाग तक पहुंचेंगी और तय समयसीमा में उनका समाधान किया जाएगा।
वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पोर्टल को यूज़र-फ्रेंडली और पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि सभी उम्र के पेंशनर आसानी से इसका उपयोग कर सकें। शिकायत की स्थिति और समाधान में लगने वाले संभावित समय की जानकारी भी पेंशनरों को पोर्टल पर मिलेगी।
सरकार का कहना है कि इस सुविधा से पेंशनरों को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की परेशानियों से राहत मिलेगी। खासतौर पर शिक्षा विभाग के पेंशनर, जो सबसे बड़ी संख्या में हैं, उनके लिए यह पोर्टल किसी वरदान से कम नहीं होगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि पेंशनरों की समस्याओं के प्रति सरकार पूरी तरह गंभीर है और उनकी सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यह पोर्टल जल्द से जल्द तैयार कर, पेंशनरों के हित में लागू किया जाए।
पेंशन को लेकर नो टेंशन मुहिम के तहत यह डिजिटल पहल निश्चित रूप से उत्तराखंड के पेंशनरों के जीवन को सरल और सुरक्षित बनाएगी।