बच्चों के टीके लगवाना अनिवार्य है, ताकि वे शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रह सकें। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र ने सभी अभिभावकों से अपील की है कि वे इस जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाएं।
भारत सरकार के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत 0 से 5 वर्ष की उम्र के बीच बच्चों को 11 प्रकार के टीके निशुल्क लगाए जाते हैं। यह टीके 12 घातक और जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करते हैं।
टीकाकरण केंद्रों पर सुविधाएं उपलब्ध
मऊ जनपद में प्रत्येक बुधवार और शनिवार को विभिन्न क्षेत्रों में कार्ययोजना के तहत बच्चों के टीके लगाए जाते हैं।
शहरी क्षेत्रों में जिला महिला चिकित्सालय में प्रतिदिन टीकाकरण सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा जिला चिकित्सालय पुरुष, अर्बन पीएचसी डोमनपुर, हनुमान नगर, भरहु का पुरा, भदेसरा और छोटी महरनिया में भी मंगलवार से रविवार तक टीके लगाए जा रहे हैं। सोमवार को अवकाश रहता है।
निर्धारित उम्र पर टीकाकरण जरूरी
एक बच्चे को जन्म से लेकर पांच वर्ष की उम्र तक सात बार टीके लगवाने होते हैं। ये टीके सुरक्षित और असरदार हैं। अभिभावकों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्र या एएनएम बहन के पास जाकर समय पर बच्चों के टीके लगवाने चाहिए।
भ्रांतियों से बचें, बच्चों का जीवन बचाएं
कुछ परिवार आज भी भ्रांतियों के कारण बच्चों का टीकाकरण नहीं करवा रहे हैं। इसका खामियाजा बच्चों की सेहत और जान से चुकाना पड़ सकता है। जिलाधिकारी ने कहा कि देश में पोलियो और टिटनेस जैसी बीमारियों से छुटकारा सिर्फ टीकाकरण के कारण ही संभव हुआ है।
खसरा और डिप्थीरिया का बढ़ता खतरा
जनपद मऊ में पिछले कुछ महीनों में खसरा और डिप्थीरिया (गला घोटू) के मामले सामने आए हैं। कई बच्चों की असमय मृत्यु भी हुई है।
जांच में सामने आया है कि संक्रमित बच्चों में अधिकांश ने बचपन में या तो टीके नहीं लगवाए थे या अधूरे टीके ही लगे थे। इसलिए बच्चों के लिए समय पर टीकाकरण ही सबसे प्रभावी सुरक्षा है।
भविष्य में टीकाकरण सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा
जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि भविष्य में बच्चों की पढ़ाई, नौकरी और सरकारी लाभ के लिए टीकाकरण कार्ड/सर्टिफिकेट आवश्यक होगा।
समाज की जिम्मेदारी
जिलाधिकारी ने सभी जनपदवासियों से अपील की है कि अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य और स्वास्थ्य की रक्षा के लिए समय पर सभी टीके अवश्य लगवाएं। यह न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक सुरक्षा कवच है।