लखनऊ, 26 अप्रैल:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का हेल्थ सेक्टर एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। राज्य सरकार ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में हेल्थ सेक्टर को “रीढ़ की हड्डी” मानते हुए, इसके लिए एक विस्तृत खाका तैयार कर लिया है। योगी सरकार का मानना है कि स्वस्थ समाज ही समृद्ध प्रदेश की नींव है और इसी सिद्धांत पर तेज़ी से काम हो रहा है।
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निवेश से बढ़ेगी 0.40 लाख करोड़ की जीएसवीए, तीन बड़े फोकस एरिया तय
हाल ही में हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट किया कि यदि रणनीतिक ढंग से हेल्थ सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित किया जाए, तो इससे 0.40 लाख करोड़ रुपये की Gross State Value Added (GSVA) में इजाफा हो सकता है। इसके लिए तीन मुख्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:
- हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स की स्थापना
- सेकंडरी केयर अस्पतालों में निजी निवेश
- डिजिटल टेक्नोलॉजी और टेलीमेडिसिन का विस्तार
5000 नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स की पहचान, टेलीमेडिसिन हब मॉडल पर काम
सरकार ने PM गतिशक्ति पोर्टल और GIS टूल्स की मदद से प्रदेश में 5000 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स के लिए स्थान चिन्हित कर लिए हैं। इन केंद्रों के ज़रिए ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों तक प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं पहुंचाई जाएंगी। साथ ही, टेलीमेडिसिन हब मॉडल को अपनाते हुए स्वास्थ्य सेवा वितरण में टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग किया जाएगा।
फार्मा रिसर्च को मिलेगा बूस्ट, 11 मेडिकल कॉलेज होंगे रिसर्च हब
राज्य सरकार 11 मेडिकल कॉलेजों को फार्मा रिसर्च के लिए विकसित कर रही है, जहां दवाओं के ट्रायल और हेल्थ डाटा पर काम किया जाएगा। AI और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों से हेल्थ डाटा एनालिटिक्स को और मजबूत किया जाएगा।
आयुष्मान भारत से जुड़ेगा राशन कार्ड, कवर बढ़ेगा 63% तक
फिलहाल प्रदेश की 43% आबादी आयुष्मान भारत योजना के दायरे में है। सरकार का लक्ष्य इस संख्या को 63% तक ले जाना है। इसके लिए राशन कार्ड डेटा को हेल्थ स्कीम्स से जोड़ा जा रहा है।
प्राइवेट हॉस्पिटल्स की सर्विस होगी बेहतर, बनेगा ग्रेडिंग सिस्टम
प्राइवेट अस्पतालों की सेवाओं को बेहतर करने के लिए योगी सरकार नियमावली और ग्रेडिंग सिस्टम तैयार कर रही है। इसके लिए एक सलाहकार बोर्ड का गठन भी हो चुका है। इसके तहत राज्य में एक AI आधारित हेल्थ एनालिटिक्स इकोसिस्टम भी खड़ा किया जाएगा।