किसान का बेटा अमेरिका में वकील बनकर देश और गांव का नाम रोशन करने वाले अशोक रामचंद्र बिश्नोई की सफलता की कहानी संघर्ष, संकल्प और शिक्षा की मिसाल बन गई है। राजस्थान के सांचौर तहसील के हालीवाव गांव में एक साधारण किसान परिवार में जन्मे अशोक ने वाशिंगटन राज्य में यूनिफॉर्म बार एग्ज़ाम पहली ही बार में पास कर वकील की शपथ ली है।
अशोक उन चुनिंदा 6 LLM छात्रों में से एक हैं, जिन्होंने यह कठिन परीक्षा पास की है। साल 2023 में उनका चयन भारत से पहले और एकमात्र रेमाला फैमिली स्कॉलर के रूप में हुआ था। इसके तहत उन्हें अमेरिका की सिएटल यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में LLM की पढ़ाई पूरी छात्रवृत्ति के साथ करने का अवसर मिला।
अशोक की यह सफलता केवल शैक्षणिक नहीं, बल्कि सामाजिक व प्रेरणादायक भी है। आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आने के बावजूद उन्होंने कभी हालातों को रोड़ा नहीं बनने दिया। उन्होंने छठी से बारहवीं तक की पढ़ाई जवाहर नवोदय विद्यालय, जसवंतपुरा से पूरी की और फिर अहमदाबाद की निरमा यूनिवर्सिटी से B.A. LL.B. की डिग्री हासिल की।
Read it also : वरिष्ठ पत्रकार डॉ विजय राय के निधन पर पत्रकार समाज में शोक
अशोक ने अपने कठोर परिश्रम और अलग-अलग छात्रवृत्तियों के सहारे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक की पढ़ाई पूरी की। उनकी यह उपलब्धि इस बात का प्रतीक है कि मजबूत इरादों और सतत प्रयासों से कोई भी युवा सीमाओं को पार कर सकता है।
किसान का बेटा अमेरिका में वकील बना — यह न सिर्फ उनके माता-पिता के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि देश के लाखों युवाओं के लिए एक प्रेरणा भी है कि अगर सपना बड़ा हो और हौसले बुलंद हों, तो गांव की मिट्टी से भी दुनिया की सबसे बड़ी अदालतों तक पहुंचा जा सकता है।