फाइलेरिया टीएएस सर्वे बलिया में 5 मई 2025 से राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ट्रान्समिशन असेस्मेंट सर्वे (TAS) की शुरुआत की गई है। इस सर्वे का उद्देश्य जनपद में पूर्व में चलाए गए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (MDA) अभियानों के प्रभाव का मूल्यांकन करना है। सर्वे की शुरुआत मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजीव वर्मन की उपस्थिति में बलिया शहर के वार्ड नंबर-13 स्थित कम्पोजिट प्राथमिक विद्यालय से हुई।
इस फाइलेरिया टीएएस सर्वे बलिया के दौरान चयनित विद्यालयों में कक्षा 1 और 2 के बच्चों तथा चयनित गाँवों में 6 से 7 वर्ष के बच्चों की फाइलेरिया संक्रमण के लिए जांच की जाएगी। यह जांच भारत सरकार द्वारा प्रमाणित QFAT किट से की जा रही है।
सर्वे के लिए विद्यालयों और गाँवों का चयन सैम्पल सर्वे बिल्डर सॉफ्टवेयर के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किया गया है। यदि किसी क्षेत्र में पॉजिटिव केसों की संख्या कट-ऑफ वैल्यू से अधिक पाई जाती है तो वहां दो और अतिरिक्त MDA चक्र चलाए जाएंगे। अगर केस कम पाए जाते हैं तो उस क्षेत्र में MDA बंद कर पोस्ट वेलिडेशन सर्विलांस शुरू किया जाएगा।
सर्वे के दौरान ब्लॉक स्तरीय चिकित्साधिकारी अपनी टीम के साथ चयनित विद्यालयों में जाकर शिक्षकों को फाइलेरिया के बारे में जागरूक करेंगे और बच्चों की जांच गतिविधियों का संचालन कराएंगे। जांच कार्य प्रशिक्षित प्रयोगशाला कर्मियों द्वारा किया जा रहा है।
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स्वास्थ्य विभाग इस पूरी गतिविधि को शिक्षा विभाग, आईसीडीएस, पंचायती राज विभाग और स्थानीय जनसमुदाय के सहयोग से संचालित कर रहा है।
गौरतलब है कि फाइलेरिया एक परजीवी रोग है, जो मुख्य रूप से क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, लसीका ग्रंथियों में सूजन और शरीर के अंगों में विकृत सूजन शामिल है। वर्तमान में बलिया जनपद में इस रोग से ग्रसित 4264 मरीजों का उपचार चल रहा है।
शुभारंभ कार्यक्रम में वीबीडी के नोडल अधिकारी डॉ. अभिषेक मिश्रा, सहायक मलेरिया अधिकारी सुजीत प्रभाकर, बायोलॉजिस्ट हेमंत कुमार, फाइलेरिया निरीक्षक ओमप्रकाश पाण्डेय सहित स्वास्थ्य विभाग की कई प्रमुख टीमें मौजूद रहीं।