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ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स नीति से युवाओं को मिलेगा रोजगार और प्रशिक्षण का अवसर

यूपी सरकार की नई नीति से युवाओं की नौकरी और स्किल दोनों की गारंटी

लखनऊ, 14 मई: उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स नीति (GCC Policy) 2025 के तहत युवाओं के लिए रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। इस नीति का उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को सिर्फ नौकरियों तक सीमित नहीं रखना, बल्कि उन्हें इंटर्नशिप, स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी और नवाचार के अवसर देकर भविष्य के लिए तैयार करना है।

इस नीति के तहत उत्तर प्रदेश में दो लाख से अधिक रोजगार सृजित किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है। खास बात यह है कि नोएडा/एनसीआर के साथ-साथ वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज जैसे टियर-2 शहरों में भी ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स खोलने पर कंपनियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। इससे प्रदेश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को नई रफ्तार मिलेगी।

इंटर्नशिप के लिए सब्सिडी:
GCC नीति के अंतर्गत कम से कम 2 महीने की इंटर्नशिप कराने वाली कंपनियों को छात्र की इंटर्नशिप लागत का 50% तक, अधिकतम ₹5,000 प्रति छात्र प्रति माह की सब्सिडी दी जाएगी। यह लाभ अधिकतम 50 इंटर्न्स तक सालाना, तीन वर्षों तक मान्य होगा।

स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी:
हर प्रशिक्षु कर्मचारी के लिए 50% तक या अधिकतम ₹50,000 की स्किल डेवलपमेंट सब्सिडी उपलब्ध होगी। यह लाभ अधिकतम 500 कर्मचारियों और ₹50 लाख प्रति वर्ष की सीमा तक तीन वर्षों के लिए मान्य होगा।

पेरोल और फ्रेशर्स सब्सिडी:
प्रदेश के स्थानीय कर्मचारियों को सालाना ₹1.8 लाख तक और अन्य कर्मचारियों को ₹1.2 लाख तक पेरोल सब्सिडी मिलेगी। यह लाभ अधिकतम ₹20 करोड़ तक तीन वर्षों तक मिलेगा। इसके अलावा, यूपी के संस्थानों से स्नातक करने वाले फ्रेशर्स की न्यूनतम 30 वार्षिक भर्तियों पर ₹20,000 प्रति फ्रेशर की सब्सिडी दी जाएगी।

ईपीएफ सब्सिडी विशेष वर्गों के लिए:
महिलाओं, अनुसूचित जाति/जनजाति, ट्रांसजेंडर, और दिव्यांगजन कर्मचारियों के ईपीएफ अंशदान में 100% प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह लाभ प्रति वर्ष ₹1 करोड़ तक तीन वर्षों के लिए लागू रहेगा।

अनुसंधान और नवाचार को मिलेगा समर्थन:
GCC नीति के तहत शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना हेतु ₹10 करोड़ तक का अनुदान मिलेगा। इसके अतिरिक्त, स्टार्टअप्स को पेटेंट, प्रोटोटाइप निर्माण, और शैक्षणिक सहयोग के लिए भी सहायता दी जाएगी।

टियर-2 शहरों में बढ़ेगा निवेश:
सरकार टियर-2 शहरों में भी GCC स्थापित करने के लिए कंपनियों को आकर्षित कर रही है। माइक्रोसॉफ्ट और एमएक्यू सॉफ्टवेयर जैसी कंपनियों ने नोएडा में बड़े पैमाने पर अपने केंद्र स्थापित किए हैं। यह रुझान टियर-2 शहरों में भी दिखाई दे रहा है, जिससे स्थानीय युवाओं को बड़े ब्रांड्स के साथ काम करने के अवसर मिल रहे हैं।

इस नीति के सफल क्रियान्वयन से उत्तर प्रदेश रोजगार और कौशल विकास दोनों के क्षेत्र में राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर अग्रसर होता नजर आ रहा है।

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