भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए उन्हें ‘मीर जाफर’ की संज्ञा दी है। पार्टी के IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर राहुल गांधी के दो विवादित पोस्टर साझा किए, जिनमें एक पोस्टर में राहुल और पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल आसिफ मुनीर के चेहरे को मिलाकर दिखाया गया है। इस पोस्टर के साथ दोनों की विचारधारा को एक जैसा बताया गया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
Focus Keyphrase: राहुल गांधी पाकिस्तान सेना जैसा सोचते हैं
मालवीय ने पोस्ट में लिखा, “राहुल गांधी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर प्रधानमंत्री को बधाई तक नहीं दी। वह लगातार पूछते हैं कि हमने कितने एयरक्राफ्ट खोए, लेकिन कभी यह नहीं पूछा कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कितने ठिकाने नष्ट किए।”
दूसरे पोस्टर में राहुल गांधी को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पीठ पर दिखाया गया है। वह भारतीय सीमा की ओर झांकते हुए पूछते हैं, “हमने कितने एयरक्राफ्ट खोए?” जवाब में शहबाज शरीफ कहते हैं, “तेज आवाज़ में पूछो।” इस चित्रण को लेकर कांग्रेस समर्थकों में तीव्र आक्रोश है, जबकि भाजपा इसे “राष्ट्रहित बनाम राष्ट्रविरोधी सोच” की बहस मान रही है।
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कांग्रेस ने जवाबी हमला बोलते हुए भाजपा को ‘सिंदूर का सौदागर’ कहा है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि ट्रम्प का युद्ध रोकने का दावा और भारत को व्यापार बंद करने की धमकी, यह दर्शाता है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी सौदा कर सकती है। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी राहुल गांधी के उठाए सवालों पर जवाब मांगा।
विवाद की शुरुआत तब हुई जब राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को जानकारी दी, जिससे भारतीय वायुसेना को नुकसान हुआ। उन्होंने 17 और 19 मई को X पर पोस्ट करके जयशंकर पर सीधा हमला बोला। हालांकि विदेश मंत्रालय ने इसे खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान को सिर्फ चेतावनी दी गई थी, ऑपरेशन से पहले कोई जानकारी साझा नहीं की गई।
मालवीय द्वारा ‘मीर जाफर’ का संदर्भ भी राहुल पर गंभीर आरोप है। मीर जाफर वही मुगल जनरल था जिसने 1757 में प्लासी की लड़ाई में नवाब सिराजुद्दौला से गद्दारी कर अंग्रेजों की जीत सुनिश्चित की थी। भाजपा इसे राहुल गांधी की आलोचनात्मक टिप्पणियों की तुलना उस ऐतिहासिक विश्वासघात से कर रही है।
कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने 14 मई को दिल्ली में हुई बैठक में भी इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। पार्टी ने पहलगाम आतंकी हमले की खुफिया विफलता और जवाबी कार्रवाई के सीजफायर पर सवाल उठाए। साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे और केंद्र की चुप्पी को “अस्वीकार्य” करार दिया।
कुल मिलाकर, ‘राहुल गांधी पाकिस्तान सेना जैसा सोचते हैं’ — भाजपा के इस नैरेटिव ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। जहां भाजपा इसे राष्ट्रहित में जरूरी बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे देशभक्ति पर सवाल खड़ा करने वाली राजनीति मान रही है।
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